'महंगाई डायन' 2024 में भी खाएगी, कंट्रोल करने में मोदी सरकार के छूटेंगे पसीने, पढ़ें Economic Survey की 10 बड़ी बातें

Written By नेहा दुबे | Updated: Jan 31, 2023, 03:04 PM IST

Finance Minister Nirmala Sitharaman

Economic Survey 2022: संसद में निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 को पेश किया. इस दौरान सरकार ने संभावना जताई है कि FY24 में 6.8% GDP रहेगी.

डीएनए हिंदी: आर्थिक सर्वे 2022-23 के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था और विश्व स्तर पर क्रय शक्ति समानता (PPP) के मामले में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. सर्वे में यह भी कहा गया है कि महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था ने जो कुछ खोया था वह उससे उबर गई है. अर्थव्यवस्था जो रुक गया था उसे रिन्यूड किया जा रहा है. सर्वे में आगे कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत मुद्रास्फीति निजी खपत को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है या निवेश को कमजोर करने के लिए काफी कम है. बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 (Economic Survey 2022-23) संसद में पेश कर दिया है. फिलहाल लोकसभा स्थगित कर दी गई है.
 

  • इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने कहा कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुलामी की हर निशानी से छुटकारा पाने का प्रयास कर रही है और देश आजादी के स्वर्ण युग में पंचप्राण की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है. गरीबी हटाओ (Garibi Hatao) सिर्फ एक नारा नहीं है और केंद्र सरकार गरीबों की समस्याओं के स्थायी समाधान और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण किसी दिए गए वित्तीय वर्ष के दौरान सभी क्षेत्रों में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की वृद्धि को देखता है. सर्वे में उस वर्ष प्रस्तुत चुनौतियों और अवसरों के बारे में भी बात की गई है.
  • इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पूरी दुनिया की नजर आगामी वित्त वर्ष के लिए भारत के बजट पर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पहले भारत, नागरिक पहले की सोच के साथ बजट सत्र को आगे बढ़ाएगी.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8% मुद्रास्फीति (Inflation) पर्याप्त नहीं है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत मुद्रास्फीति (Inflation) निजी खपत को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है या निवेश को कमजोर करने के लिए पर्याप्त कम है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण FY23 के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. बता दें कि आज यानी कि मंगलवार को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2022 पेश किया. 

आर्थिक सर्वेक्षण इन मुख्य बिन्दुओं पर केंद्रित है

आर्थिक सर्वेक्षण में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है:

  • वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की GDP वृद्धि 6 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना.
  • बेसलाइन आर्थिक विकास 2024 में मामूली रूप से 11 प्रतिशत और वास्तविक रूप में 6.5 प्रतिशत अनुमानित होने की संभावना है.
  • 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है.
  • कैपेक्स ग्रोथ ड्राइवर होने की संभावना है.
  • RBI ने अपने लक्ष्य सीमा से ऊपर FY23 में 6.8 प्रतिशत पर हेडलाइन मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में COVID-19, रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया भर में RBI की प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है.

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