डीएनए हिंदी: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को देश के सामने वित्तीय वर्ष 2023-23 का बजट (Budget 2023 Income Tax) पेश करेंगी. इस बजट के दौरान वह कई मुद्दों को पेश करेंगी. वहीं नौकरीपेशा लोगों का इस बजट को लेकर कई सारी उम्मीदें हैं. इसको लेकर दो सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को रॉयटर्स को बताया कि भारत अपने स्वैच्छिक आयकर ढांचे के तहत दरों को कम करने पर विचार कर रहा है और 1 फरवरी को होने वाले आगामी संघीय बजट में संशोधित स्लैब पेश कर सकता है.
हालांकि सूत्रों का कहना है कि इसपर अंतिम निर्णय प्रधान मंत्री कार्यालय ही लेगा.
जबकि नई वैकल्पिक आयकर योजना - कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए 2020 में घोषित की गई - वार्षिक आय पर कम मुख्य कराधान दरों की पेशकश करती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कई लोगों के लिए अनाकर्षक है क्योंकि यह अन्य चीजों के अलावा घर के किराये और बीमा पर छूट की अनुमति नहीं देता है.
सरकारी सूत्रों में से एक ने कहा, 'नई आयकर व्यवस्था में छूट और कर कटौती की अनुमति देना इसे और कठिन बना देगा और इस योजना को शुरू करने का इरादा नहीं था.'
वर्तमान में व्यक्ति तय कर सकते हैं कि वे किस दर के तहत कर लगाना चाहते हैं. फिलहाल सरकार ने नई कर प्रणाली का लाभ उठाने वाले व्यक्तियों की संख्या के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं.
बता दें कि देश में इनकम टैक्स प्रति वर्ष 500,000 रुपये की न्यूनतम व्यक्तिगत कमाई पर लगाया जाता है.
प्रति वर्ष 500,000 रुपये से लेकर 750,000 रुपये के बीच सालाना आय प्राप्त करने वालों को नई योजना के तहत 10 प्रतिशत और पुराने नियमों के तहत 20% की दर से भुगतान करना करना होगा. जबकि 10.5 लाख रुपये से ऊपर की वार्षिक आय पर 30% कर लगाया जाता है.
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