Chandrayaan-3 की रफ्तार से भाग रहे ये शेयर, अभी भी निवेश करने का है मौका

नेहा दुबे | Updated:Aug 28, 2023, 01:02 PM IST

Chandrayaan-3

Chandrayaan-3 ने जहां चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है. वहीं इसमें निवेश करने वाली कंपनियों के शेयर में तेजी देखने को मिल रही है.

डीएनए हिंदी: भारत के चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग से पूरी दुनिया अचंभे में है. बता दें की भारत की ये सफलता बहुत सी चीजों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी. जहां कई देशों ने चांद पर जाने के मिशन को कई-कई हजार करोड़ में तैयार किया लेकिन फिर भी किसी कारण से वो इस मिशन को पूरा नहीं कर पाएं. वहीं हिंदुस्तान की बात करें तो इसने इस मिशन को महज 615 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कर सफलता पाई है. भारत के इस कामयबी के बाद बहुत सी कंपनियों को इसका काफी फायदा मिलेगा. साथ ही जिन कंपनियों ने चंद्रयान-3 के निर्माण में अपना योगदान दिया था उन कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिला है. जानकारी के मुताबिक, स्पेस साइंस से जुड़ी 13 कंपनियों के शेयरों का ज्वाइंट मार्केट कैप 30,700 करोड़ रुपये बढ़ गया है.

स्मॉलकैप कंपनी सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स (Centum Electronics share) जो इसरो को चंद्रयान-3 के निर्माण के लिए मॉड्यूल और सिस्टम की आपूर्ति की थी. इसके शेयरों की कीमत इस वक्त 1,688.75 रुपये चल रहा है. इसमें एक हफ्ते में अब तक 17.15 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है. इसके बाद कई ऐसी कंपनियां हैं जिनके शेयरों में लगभग डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई है. इन कंपनियों में अवंटेल, लिंडे इंडिया, पारस डिफेंस और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स आदि शामिल हैं.

जानें किन कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी हुई

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में बहुत सी कंपनियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था. इन इंफ्रा सेक्टर कंपनियों में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी ने चंद्रयान-3 के सबसिस्टम के निर्माण के साथ-साथ मिशन ट्रैकिंग तक की प्रक्रिया में साथ रहा है. इसके अलावा मिश्र धातु निगम ने 3 चरण वाले भारी लिफ्ट योजना वाले वाहन एलवीएम 3 एंड 4 के लिए भी काफी प्रोडक्ट्स की आपूर्ति की है.

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चंद्रयान-3 मिशन में काफी सारी कंपनियों ने अपने- अपने प्रोड्क्ट्स के हिसाब से अपना योगदान दिया है. जिसमें पीटीसी इंडस्ट्रीज कंपनी ने पंप इंटरस्टेज हाउसिंग की आपूर्ति की. इसके बाद एमटीएआर टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट इंजन कंपनी ने टर्बो पंप व बूस्टर पंप सहित क्रायोजेनिक इंजन सबसिस्टम आदि उपकरणों की सप्लाई कर चंद्रमा मिशन में अपना अहम योगदान दिया है. बात करें चंद्रयान-3 के नेविगेशन सिस्टम की आपूर्ति की तो पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजी ने इसमें काफी साथ दिया है. वहीं पीएसयू बीएचईएल कंपनी ने इस मिशन के लिए टाइटेनियम टैंक और बैटरी की धातुओं के लिए मदद की है.

ग्लोबल स्पेस मार्केट में बढ़ेगी इन कंपनियों की डिमांड

बता दें कि जिन कंपनियों के अहम योगदान से चंद्रयान-3 सफल हुआ है. उसके बाद से बहुत सी भारतीय कंपनियां 447 अरब डॉलर के स्पेस मार्केट में वैश्विक स्तर पर कई निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती हैं. इन हालातों को देखते हुए निवेशकों का इन कंपनियों के तरफ रुझान होना स्वभाविक है.

स्पेस मार्केट से सबंधित कंपनियों पर विचार करते हुए सैमको सिक्योरिटीज के अपूर्व शेठ ने बताया कि स्पेस और डिफेंस स्टॉक पर निवेशकों को आगे आने वाले सालों में काफी ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि, आगे आने वाले सालों में ISRO गगनयान, आदित्य एल1, एक्सपीओसैट, एनआईएसएआर और स्पैडेक्स जैसे बहुत से आगामी मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में लगा हुआ है.

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