डीएनए हिंदी: किसान आज कल नई- नई खेती करने के बारे में सोच रहे हैं. जिसमें कमाई ज्यादा और खर्च कम हो और उसके खराब होने की भी संभावना कम से कम हो. तो क्या आपको पता है कि ऐसी कई चीजें हैं जिसकी खेती कर आप अच्छा पैसा कमा सकें और उसमें कम मेहनत भी लगे. तो चलिए आज आपको बताते हैं ऐसी एक खेती के बारे में.
इसका नाम ढैंचा (Dhaincha Farming) यानी हरी खाद की खेती है. इसकी खेती करके आप अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं. इसकी खास बात ये है कि इसकी खेती के लिए राज्य सरकारें भी कई स्तरों पर आर्थिक मदद दे रही है. ढ़ैचा में नाईट्रोजन सहित कई और तत्वों मौजूद होते हैं. इसलिए इसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
अगर आप ढैंचा कि खेती करना चाहते है तो इसके लिए आपको सबसे पहले खेतों की अच्छे से जुताई करनी चाहिए. इसके बाद आप इसकी बुआई छिड़काव विधि या जैसे सरसों की खेती की जाती वैसे कर सकते हैं. ढैंचा को हरी खाद बनाने के लिए खेतों को सिर्फ एक बार जुताई करनी होती है. इसकी खेती बहुत ही सामान्य तरीके से की जाती है. इसके पौधे बुआई के एक से डेढ़ महीने के अंदर ही 3 फूट तक बड़े हो जाते है.
यह भी पढ़ें : दिल्ली के इन मार्केट्स में मिलते है सबसे सस्ते जूते-चप्पल, यहां देखें पूरी लिस्ट
वित्त वर्ष 2023-24 में हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक खाद को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा ऐलान किया गया है. जिसमें राज्य सरकार ने ढैंचा के खेती के लिए 80 फीसदी कॉस्ट यानी की 720 रुपये प्रति एकड़ देने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले से किसानों को सीधा लाभ हो सकता है. बता दें कि अगर आप दूसरी फसलों के लिए अपने खेतों में हरी खाद का इस्तेमाल करते हो तो फिर आपको यूरिया की जरूरत नहीं पड़ेगी. वैसे तो इसकी खेती किसी भी सीजन मे कर सकते हैं. लेकिन अच्छा रिजल्ट पाने के लिए इसकी खेती आप खरीफ सीजन में कर सकते है. इसके गांठों में नाइट्रोजन होता है. इस वजह से इसकी कटाई कर इसे खेतों में ही छोड़ दिया जाता है.
अगर आप ढैंचा को हरी खाद बनाते हैं तो इससे आपके खेतों में खरपतवार की समस्या कम होती है. साथ ही खेत की निराई-बुआई में भी कम खर्च आता है. बता दें कि ढैंचा की खेती एक एकड़ भूमि पर करने से आपकी पैदवार लगभग 25 टन तक बढ़ सकता है. मार्केट में ढैंचा के बीज 40 से 50 रुपये प्रतिकिलो रेट से मिलता है. इसकी खेती कर आप अपनी कमाई बढ़ा सकते है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.