डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के दो बड़े औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाली गाजियाबाद- कानपुर एक्सप्रेसवे का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अब तैयार कर लिया गया है. परमिशन मिलते ही राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा. इस फोरलेन एक्सप्रेसवे के बनने से गाजियाबाद से कानपुर के बीच की दूरी 380 किमी की हो जाएगी. अब इसे केवल 3 घंटे में पूरी की जा सकती है. अगर आप इन शहरों के रहने वाले हैं तो आपको ये जान कर खुशी होगी कि गाजियाबाद और कानपुर के साथ ही उत्तर प्रदेश के 9 और ऐसे शहर हैं जिनको इस एक्सप्रेसवे का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही इन शहरों की औद्योगिक गतिविधियां भी बढ़ेगीं.
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में उत्तर प्रदेश भारत के और राज्यो से आगे है. इसी को ध्यान में रखते हुए आपको बता दें कि यूपी भारत का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में लगी हुई है. इसी के अंतर्गत गाजियाबाद- कानपुर एक्सप्रेसवे का भी निर्माण हुआ है. ये 9 बड़े शहरों गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फरुखाबाद, कन्नोज, उन्नाव और कानपुर से गुजरेगा. पहली बार सितंबर 2019 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में पहचान दी गई और 5 जुलाई 2022 को केंद्र सरकार ने इसे परमिट कर दिया.
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आपको बता दे कि इस समय यमुना एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद से कानपुर जाने में लगभग 6 घंटे का समय लगता है. वहीं, अगर आप राष्ट्रीय राजमार्ग -9 (NH- 9) से यात्रा करते हैं तो आपको लगभग 8 घंटे लगते हैं. लेकिन गाजियाबाद- कानपुर एक्सप्रेसवे के बन जाने से इस दूरी को तय करने में सिर्फ 3 घंटे का समय लगेगा. इससे यूपी के अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि इस प्रोजेक्ट को साल 2025 तक पूरा कर दिया जाएगा.
इस एक्सप्रेसवे के बनने से यूपी के 9 शहरों के साथ- साथ दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम को भी इसका फायदा मिलेगा. साथ ही दिल्ली - एनसीआर की यूपी से कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी.
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