Gold में करना चाह रहे हैं इनवेस्ट? इन सरकारी स्कीम्स पर जरूर डालें एक नजर, होगा Profit ही Profit

नेहा दुबे | Updated:Jan 24, 2023, 02:25 PM IST

Gold

Gold Scheme: अगर आप सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं तो सरकार के इन योजनाओं में निवेश कर के रिटर्न कमा सकते हैं.

डीएनए हिंदी: भारत में महामारी से पहले सोने की कीमत में उछाल देखने को मिला था. यह उछाल वित्त वर्ष 2022-23 में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान मुख्य रूप से मजबूत उपभोक्ता हित से प्रेरित 191.7 टन पर 14% की वार्षिक वृद्धि देखी गई है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक वैल्यू के लिहाज से, 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान सोने की मांग 19% बढ़कर 85,010 करोड़ रुपये हो गई, जबकि 2021 की इसी अवधि में यह 71,630 करोड़ रुपये थी. इस डेटा से भारत में सोने की खपत का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में सरकार ने गोल्ड के इम्पोर्ट में कमी करने और व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए उन निवेशकों के लिए कुछ योजनाएं तैयार की हैं जो इसके जरिए रिटर्न कमाना चाहते हैं.

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS), 2015

इस योजना का उद्देश्य देश के घरों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को जुटाना और उत्पादक उद्देश्यों के लिए इसके उपयोग को सुविधाजनक बनाना और लंबे समय में सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करना है. स्वर्ण मोनेटाइजेशन स्कीम में पिछली 'स्वर्ण जमा योजना (GDS)' और 'स्वर्ण धातु ऋण' योजना शामिल है.

शोर्ट टर्म पीरियड के लिए किए गए जमा के लिए देय ब्याज दर की राशि बैंकों द्वारा प्रचलित अंतरराष्ट्रीय लीज रेट, अन्य लागतों, बाजार की स्थितियों आदि के आधार पर तय की जाती है और इसका वहन बैंक करता है.

मध्यम और लंबी अवधि के जमा के लिए, ब्याज दर सरकार द्वारा समय-समय पर आरबीआई (RBI) के परामर्श से तय की जाती है और केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

SGB (Sovereign Gold Bond) सरकारी प्रतिभूतियां हैं जिन्हें ग्राम सोने में दर्शाया गया है. ये फिजिकल सोने की जगह पर काम करता है. निवेशकों को इशू मूल्य का भुगतान नकद में करना होता है और मैच्योरिटी पर बांड को नकद में भुनाया जाता है.

बांड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है.

स्वर्ण मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) शुरू की गई थी.

फायदे

SGB ​​सोने को फिजिकल तौर पर रखने का एक बेहतर ऑप्शन देता है. इसमें भंडारण का जोखिम भी नहीं होता है. निवेशकों को मैच्योरिटी और समय-समय पर ब्याज के समय सोने के बाजार मूल्य का आश्वासन दिया जाता है.

एसजीबी ज्वैलरी के रूप में सोने के मामले में मेकिंग चार्ज और शुद्धता जैसे मुद्दों से मुक्त है. बांड भारतीय रिजर्व बैंक की पुस्तकों में या डीमैट रूप में रखे जाते हैं जिससे स्क्रिप आदि के नुकसान का जोखिम समाप्त हो जाता है.

भारतीय सोने का सिक्का

भारतीय सोने का सिक्का (Indian Gold Coin) स्वर्ण मोनेटाइजेशन कार्यक्रम का एक हिस्सा है. सिक्का भारत में ढाला गया पहला राष्ट्रीय सोने का सिक्का है और इसमें एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी का राष्ट्रीय प्रतीक है.

सिक्के 5, 10 और 20 ग्राम के मूल्यवर्ग में मिलते हैं. भारतीय सोने का सिक्का और बुलियन कई पहलुओं में अद्वितीय है और इसमें उन्नत एंटी-नकली विशेषताएं और टैम्पर प्रूफ पैकेजिंग है. भारतीय सोने का सिक्का और बुलियन 24 कैरेट शुद्धता का है और सभी सिक्के और बुलियन बीआईएस (BIS) मानकों के मुताबिक हॉलमार्क किए गए हैं.

स्वर्ण धातु ऋण योजना

एक स्वर्ण धातु ऋण खाता (Gold Metal Loan Scheme), जिसे सोने के ग्राम में अंकित किया जाता है. इसे बैंक जौहरियों के लिए खोलते हैं. संशोधित जीडीएस (GDS) के माध्यम से जुटाया गया सोना, शोर्ट टर्म ऑप्शन के तहत आरबीआई के मार्गदर्शन में, बैंकों द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के आधार पर, जौहरियों को लोन पर दिया जाता है.

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