डीएनए हिंदी: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) अपने कर्मचारियों को इतनी सैलरी देता है जिसे सुनकर आपको यकीन नहीं होगा. लेकिन इसकी जानकारी गूगल के कर्मचारियों की सैलरी की एक एक्सेल शीट के मुताबिक, बताई गई है. बता दें कि साल 2022 में गूगल के कर्मचारियों की एवरेज सैलेरी 2.79 लाख डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 2.3 करोड़ रुपये थी.
वायरल हुई एक्सेल शीट की जानकारी के मुताबिक, गूगल अपने सभी कर्मचारियों के अलग-अलग पद के मुताबिक अलग-अलग सैलरी देता है. जिसमें साल 2022 में सबसे ज्यादा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 7.18 लाख डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 5.9 करोड़ रुपये सैलरी दिया गया था. बता दें कि गूगल कंपनी में सबसे ज्यादा सैलरी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की होती है. इस शीट में अमेरिका के लगभग 12 हजार कर्मचारियों की जानकारी मौजूद है.
सैलरी के अलावा कंपनी के स्टॉक से भी होता है इनकम
एक्सेल शीट के मुताबिक, गूगल के सैलेरी स्ट्रक्चर की बात करें तो कंपनी के कर्मचारी स्टॉक और बोनस से भी कमाई करते हैं. बता दें कि ये कमाई सैलरी से अलग होती है. इस हिसाब से गूगल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर 1 साल में लगभग 1.5 मिलियन डॉलर तक की कमाई कर सकता है.
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किस फिल्ड में कितनी है सैलरी?
एक्सेल शीट से पता चलता है कि साल 2022 में गूगल ने सबसे ज्यादा सैलरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 5.9 करोड़ रुपये दिया था. इसके बाद इंजीनियरिंग मैनेजर को 3.28 करोड़ रुपये, एंटरप्राइज डायरेक्टर सेल्स कर्मचारी को लगभग 3.09 करोड़ रुपये, लीगल कॉर्पोरेट काउंसल को करीबन 2.62 करोड़ रुपये दिया गया था. सेल्स स्ट्रैटेजी के कर्मचारी को 2.26 करोड़ रुपये सैलरी मिली थी. UX डिजाइनर को 2.58 करोड़ रुपये दिए गए थे. इसके बाद गवर्नमेंट अफेयर्स और पब्लिक पॉलिसी से जुड़े एंप्लॉय को 2.56 करोड़ रुपये, रिसर्च साइंटिस्ट को 2.53 करोड़, क्लाउड सेल्स से जुड़े कर्मचारियों को 2.47 करोड़ और प्रोग्रामिंग मैनेजर को 2.46 करोड़ रुपये सैलरी के तौर पर कंपनी के द्वारा दिया गया था.
बता दें कि ये सैलरी डेटा गूगल और इसमें काम करने वाले परमानेंट एंपलॉयर्स की है. लेकिन गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट है और इस अल्फाबेट में गूगल के जैसे ही और भी कंपनियां शामिल हैं.
मीडिया के मुताबिक, प्रेजेंट टाइम में गूगल एक ऐसे AI टूल पर रिसर्च कर रहा है जो आने वाले दिनों में पत्रकारों को समाचार लिखने में मदद कर सकता है. इसके लिए गूगल ने वॉलस्ट्रीट जर्नल और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे मीडिया संस्थानों से AI टूल के बारे में बात करना शुरू कर दिया है.
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