डीएनए हिंदी: भारत में आटे और गेहूं की कीमतें लगातार खबर में छाई हुई हैं. गेहूं और आटे की कीमतों में जहां बढ़ोतरी हो रही थी. हालांकि हाल ही में केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों में कटौती कि है और अब चावल के दाम में भी गिरावट लाने की योजना बना रही है. सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है. इस गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकारें फूड कॉर्पोरेशन से 34 रुपये किलो की दर से चावल की खरीद कर सकती है. गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकारें इस चावल का इस्तेमाल अपनी स्कीमों में कर सकती है. बता दें कि सरकार देश के कई राज्यों में गरीबों के लिए योजनाएं चलाती है जिसके तहत उन्हें मुफ्त राशन दिया जाता है.
राज्य सरकारें स्कीमों का फायदा उठा सकती है
राज्य सरकारें फूड कॉर्पोरेशन (FCI) से 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद कर योजनाओं में इस्तेमाल कर सकती है. बता दें कि सरकार ने इस गाइडलाइन की घोषणा महंगाई रोकने और आम जनता को सस्ते दरों पर चावल मुहैया कराने के लिए की है. केंद्र सरकार ने हाल ही में खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं सस्ते कीमत पर बेचने का ऐलान किया था. खुले बाजारों में चावल और गेहूं की बढ़ती हुई कीमतों को देखते हुए सरकार ने इसकी घोषणा की है. सरकार के इस कदम से गेहूं और चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगेगा. चावल पर सरकार द्वारा जारी किए गए इस गाइडलाइन के बाद ओपन मार्केट सेल का फैसला आ सकता है.
भिन्न प्रकार के चावलों के दाम फिक्स
केंद्र सरकार की गाइडलाइन 2023 में चावल के किस्म के मुताबिक रेट फिक्स है. इसी रेट के मुताबिक FCI राज्य सरकारों को चावल की बिक्री करेगी. हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि किस राज्य को किसा रेट पर और कितना चावल बेचा जाएगा. बता दें कि यह FCI पर निर्भर करता है कि वह किस राज्य को कितना धान बेचती है.
यह भी पढ़ें:
PNB के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, अब Aadhaar OTP के जरिए बदल सकेंगे यूपीआई पिन
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.