डीएनए हिंदी: बच्चे हों या बूढ़े सभी को रेस्टोरेंट और होटल में खाना बेहद पसंद होता है. आप ये सोच रहे होंगे की हम यहां आपको किसी खाने के बारे में बताएगें तो ऐसा नहीं है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब आप रेस्टोरेंट या होटल में खाना खाते हैं और उसके बिल पर आपको जीएसटी भी देना पड़ता है. तो ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि भारत में बहुत से ऐसे रेस्टोरेंट हैं जहां जीएसटी बिल नहीं लगता है और होटल वाला आपको बेवकूफ नहीं बना सकता है. दरअसल, ये ऐसे होटल या रेस्टोरेंट होते हैं जो सरकार के जीएसटी कॉम्पोजीशन स्कीम के अंतर्गत इनरोल्ड होते हैं. बता दें कि सरकार के इस स्कीम के तहत व्यापारियों को सालाना टर्नओवर पर ही जीएसटी देना होता है.
सरकार के इस स्कीम का फायदा 1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारी ही उठा सकते हैं और ये व्यापारी अपने रेस्टोरेंट या होटल में आने वाले ग्राहकों से जीएसटी बिल नहीं ले सकते हैं. अगर आप किसी ऐसे रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं जो सरकार के जीएसटी कॉम्पोजीशन स्कीम के अंतर्गत आता है तो आपको बिल देते समय ध्यान रखना होगा कि रेस्टोरेंट के बिल में जीएसटी तो नहीं शामिल है. अगर ऐसा है तो वो व्यापारी गैर कानूनी रूप से पैसे ले रहा है.
यह भी पढ़ें:
PM Kisan Yojana: अब किसानों के साथ नहीं हो सकेगा फर्जीवाड़ा, सरकार ने लॉन्च किया ऐप
जब भी आप किसी रेस्टोरेंट में खाना खाए और जब उसका बिल आपको मिले तो आप उसके बिल से ये पता लगा सकते हैं कि ये रेस्टोरेंट जीएसटी कॉम्पोजीशन स्कीम के तहत आता है कि नहीं. दरअसल, ऐसे रेस्टोरेंट को अपने बिल पर ये लिखना जरूरी होता है कि कॉम्पोजीशन टैक्सेबल पर्सन, नॉट एलिजिबल टू कलेक्ट टैक्स ऑन सप्लाईज. अगर रेस्टोरेंट फिर भी आपसे जीएसटी चार्ज कर रहा है तो आप एक ग्राहक के तौर पर इसे मना कर सकते हैं.
आप जीएसटी पोर्टल www.gov.in पर भी इसका पता लगा सकते हैं. सबसे पहले तो आप पोर्टल पर सर्च टैक्सपेयर के ऑप्शन पर जाएं फिर सर्च कॉम्पोजीशन टैक्सपेयर के ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आपको रेस्टोरेंट के बिल पर लिखा जीएसटी नंबर डालना होगा. अब आपको पता चल जाएगा की ये रेस्टोरेंट स्कीम के तहत आता है या नहीं. इसके बाद भी अगर रेस्टोरेंट आपसे जीएसटी लेता है तो आप gstcouncil.gov.in/grievance-redressal-committee-grc पर अपनी शिकायत कर सकते हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.