डीएनए हिंदी: आपने अक्सर ऐसा देखा होगा कि हर साल बारिश और बाढ़ में बहुत से घर मकान ढह जाते है. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि ये मकान नदी किनारे बना होता है और बिना किसी नक्शे के सिर्फ अनुमान से बनाया जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि अब घर बनवाने के लिए प्रदेश के लोगों को सबसे पहले नक्शा पास करवाना होगा.
इस साल उत्तर भारत सहित कई राज्यों में बाढ़ और बारिश ने बहुत भयानक तबाही मचाई है. जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल प्रदेश में हुआ है. यहां नदियों ने घर, सड़क के साथ-साथ वाहनों को भी खिलौनों की तरह अपने आहोश में ले लिया है. भारत के कई हिस्सों में मानसुन के दौरान यही स्थिति होती है.
हर साल बाढ़-बारिश में जान-माल का बहुत नुकसान होता है. इसका मुख्य कारण ये भी है कि लोग नदी किनारे अवैध घरों का निर्माण कर लेते हैं. इसके अलावा चेतावनी को भी ध्यान नहीं देते है. इस वजह से ही घर, मकान भारी बारिश में मिनटों में बह जाते है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है और यहां भारी बारिश के साथ-साथ लैंडस्लाइड तो आम बात है तो ऐसे में यहां लगभग हर साल ही ये दृश्य देखने को मिलता है.
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हिमाचल प्रदेश सरकार ने इन स्थितियों को देखते हुए प्रदेश में अवैध निर्माण पर सख्त कारवाई करने का निर्णय लिया है. अवैध निर्माण करते हुए पकड़े जाने पर उस व्यक्ति का बिजली, पानी सहित सभी जरूरी सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही भवन निर्माण इंजीनियर का रिपोर्ट भी जरूरी है. ये सारे कार्य नगर नियोजन विभाग और शहरी निकाय के निगरानी में किया जाएगा.
प्रदेश अधिकारियों ने लोगों से गुजारिश की है कि लोग अपने भवन का निर्माण इंजीनियर से नक्शा पास करवा कर ही करें. ऐसे में अगर कोई ठेकेदार बिना लाइसेंस के या बिना नक्शे के घर का निर्माण करता है तो उस पर सख्त कारवाई किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ के चलते लगभग 500 मकान नदी में बह गए है. इसके अलावा 4 हजार घरों को जमीन धंसने से नुकसान हुआ है. ये सारे नुकसान मंडी, शिमला, कुल्लू-मनाली शहरों में हुआ है.
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