PM SVANidhi योजना कैसे कर रहा बिजनेस में मदद, यहां जानें SBI की रिसर्च

नेहा दुबे | Updated:Oct 26, 2023, 04:32 PM IST

PM Svanidhi Scheme

PM SVANidhi: पीएम स्वनिधि योजना तेजी के साथ रेहड़ी-पटरी वालों की मदद कर रहा है. इसमें 75 प्रतिशत लाभार्थी गैर-सामान्य वर्ग से आते हैं, जिसमें 44 प्रतिशत ओबीसी हैं.

डीएनए हिंदी: एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में "इंक्लूसिव एंटरप्रेन्योरशिप" सुनिश्चित करने के लिए रेहड़ी-पटरी वालों के लिए मोदी सरकार की माइक्रो-क्रेडिट योजना की सराहना की गई है और कहा गया है कि इसके लगभग 75 प्रतिशत लाभार्थी गैर-सामान्य वर्ग से आते हैं, जिसमें 44 प्रतिशत ओबीसी हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना के कुल डिटेल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 22 प्रतिशत है और कुल लाभार्थियों में से 43 प्रतिशत महिलाएं हैं.

इसमें कहा गया है, "महिलाओं की हिस्सेदारी शहरी महिलाओं की एंटरप्रेन्योरिअल कैपबिलिटीज के सशक्तिकरण को दिखाती है, जिससे स्वनिधि को लिंग समानता का टैग मिलता है."

एक्स पर रिपोर्ट साझा करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा, “भारतीय स्टेट बैंक के सौम्य कांति घोष का यह गहन शोध पीएम स्वनिधि के परिवर्तनकारी प्रभाव की एक बहुत स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है. यह इस योजना की समावेशी प्रकृति को नोट करता है और इस बात पर प्रकाश डालता है कि इसने वित्तीय सशक्तिकरण को कैसे बढ़ावा दिया है.

सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh) एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं. प्रधानमंत्री ने अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट की मुख्य बातें साझा कीं. यह देखते हुए कि लगभग 75 प्रतिशत ऋण लाभार्थी गैर-सामान्य श्रेणी से आते हैं, रिपोर्ट में कहा गया है कि यह परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए नेक इरादे वाली नीति योजनाओं की जन्मजात शक्ति का प्रमाण है.

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कल्याण योजना की सामाजिक समावेशिता पर एसबीआई का जोर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) पर केंद्रित एक उग्र राजनीतिक बहस के बीच आया है, जो सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण मतदान समूह है, जिसमें विपक्ष राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग कर रहा है और सरकार पर समुदाय को नकारने का आरोप लगा रहा है.

दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है और कहा है कि किसी भी सरकार ने ओबीसी के लिए मोदी सरकार जितना काम नहीं किया है.

शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम स्वनिधि योजना ने रास्ते में सामुदायिक बाधाओं को तोड़ते हुए, हाशिए पर रहने वाले शहरी सूक्ष्म उद्यमियों को निर्बाध रूप से जोड़ा है.

इसमें कहा गया है कि दृढ़ता रेश्यो (पहला और दूसरा ऋण चुकाया गया) बढ़ रहा है, जो योजना की आवश्यकता और लोकप्रियता को इंगित करता है, और उन लोगों को प्रोत्साहन भी देता है जो ऋण वापस कर रहे हैं.

10,000 रुपये का पहला लोन चुकाने और 20,000 रुपये का दूसरा लोन लेने वाले लोगों का अनुपात 68 प्रतिशत है, जबकि 20,000 रुपये का दूसरा लोन चुकाने और 50,000 रुपये का तीसरा लोन लेने वाले लोगों का अनुपात 75 प्रतिशत है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक, तीनों किश्तों में लगभग 70 लाख लोन वितरित किए गए हैं, जिससे 53 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ हुआ है, जिसका कुल मूल्य 9,100 करोड़ रुपये से अधिक है. मोदी की वेबसाइट पर रिपोर्ट की हाइलाइट्स में कहा गया है कि आर्थिक उत्थान के उद्देश्य से पीएम स्वनिधि योजना एक "बड़ी सफलता" है. इसमें कहा गया है कि योजना के तहत 65 प्रतिशत से अधिक कर्जदार 26-45 आयु वर्ग के हैं.

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