डीएनए हिंदी: बायोगैस की खपत बढ़ाने से भारत के एलएनजी आयात बिल में कमी आएगी. एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत 2030 तक अपनी प्राकृतिक गैस की जगह बायोगैस और बायोमीथेन की खपत 20 प्रतिशत बढ़ा देता है, तो उसे वित्त वर्ष 2024-25 से 2029-30 के बीच 29 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी करने में मदद मिल सकती है.
बायोगैस एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है. यह कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, और अन्य जैविक पदार्थों से उत्पन्न होती है। बायोगैस को बिजली, हीटिंग, और परिवहन के लिए उपयोग किया जा सकता है. भारत में बायोगैस की खपत अभी भी कम है. 2021 में, भारत में बायोगैस की कुल खपत 4.5 बिलियन क्यूबिक मीटर थी. यह भारत की कुल प्राकृतिक गैस खपत का केवल 1.3 प्रतिशत है.
सरकार बायोगैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. सरकार ने बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों और अन्य लोगों को सब्सिडी प्रदान कर रही है. सरकार ने बायोगैस संयंत्रों के लिए तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रही है.
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सरकार के प्रयासों से भारत में बायोगैस की खपत में वृद्धि होने की उम्मीद है. अगर भारत बायोगैस की खपत को बढ़ाने में सफल हो जाता है, तो इससे देश को विदेशी मुद्रा की बचत होगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा.
बायोगैस की खपत में कैसे होगी बढ़ोतरी?
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