डीएनए हिंदी: भारत सरकार (Indian Government) ने पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वालों के लिए एक नया नियम जारी किया है. इस नए नियम के अनुसार सभी पासपोर्ट अप्लाई करने वाले लोगों को अपने डिजिलॉकर अकाउंट में आधार कार्ड को अपलोड करना होगा. यह नियम आज यानी 5 अगस्त से लागू हो गया है. आपको बता दें कि इससे पहले चेन्नई में एक रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने एक नोटिस जार करके कहा था कि www.passportindia.gov.in पर पासपोर्ट एप्लीकेशन जमा करने से पहले एप्लीकेंट्स को डिजिलॉकर (DigiLocker For Passport) पर डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना होगा. वहीं मुंबई के रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने नोटिस के जरिए पासपोर्ट वेरिफिकेशन दौरान एप्लीकेंट्स को अपने डिजीलॉकर अकाउंट पर आधार कार्ड को अपलोड करने के लिए कहा है.
बिना डिजीलॉकर नहीं होगा काम
सरकार के इस फैसले के बाद पूरे देश में हर नागरिक के लिए डिजिलॉकर अकाउंट बनाना और उसे अपने आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य हो जाएगा. ऐसा करने से आवेदकों और अधिकारियों दोनों को फायदा मिलेगा. पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वालों के लिए वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग टाइम पहले से कम हो जाएगा. 5 अगस्त 2023 के बाद पासपोर्ट के लिए एप्लीकेशन में अपने एड्रेस प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड जमा करें करने वाले हर आवेदक को ऑनलाइन एप्लीकेशन में डिजिलॉकर को सेलेक्ट करना होगा. यदि एप्लीकेंट ऐसा नहीं करते हैं तो उनके आधार कार्ड को एड्रेस या डेथ ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट के तौर पर इनवैलिड करार दिया जाएगा.
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डिजिलॉकर से कैसे मिलेगा फायदा?
पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वालों का डिजिलॉकर अकाउंट होने पर उन्हें कई फायदे मिलने वाले हैं. अपने डिजिलॉकर में डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद आवेदकों को पासपोर्ट सेवा केंद्र में ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा पासपोर्ट वेरिफिकेशन में लगने वाला टाइम भी कम हो जाएगा.
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आखिर डिजिलॉकर क्या है?
डिजीलॉकर, एक भारतीय डिजिटलीकरण ऑनलाइन सेवा है जो भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी की गई है. डिजीलॉकर के जरिए आप ऑनलाइन अपने सभी जरूरी दस्तावेज जैसै आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी की आरसी, एजुकेशनल डॉक्यूमेंट्स आदि सभी रख सकते हैं. डिजीलॉकर में मौजूद सभी डॉक्यूमेंट्स हर सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में वैध माने जाएंगे.
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