डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई 'एक स्टेशन एक उत्पाद' (OSOP) योजना के तहत देशभर के 1037 स्टेशनों पर 1134 आउटलेट चालू हैं. इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को कौशल विकास के माध्यम से बढ़ी हुई आजीविका के अवसर प्रदान करना है.
ओएसओपी योजना के तहत, रेलवे स्टेशनों पर विशिष्ट रूप, अनुभव और लोगो के साथ विशिष्ट रूप से डिजाइन किए गए बिक्री आउटलेट की पेशकश की जाती है. इन आउटलेटों में स्थानीय क्षेत्रों के विशेष उत्पादों को प्रदर्शित और बेचा जाता है.
इस योजना को स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए एक सफल प्रयास माना जा रहा है. इस योजना के तहत अब तक 39,847 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने लाभ उठाया है.
ओएसओपी योजना के लाभ:
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलता है.
लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलते हैं.
स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की आय में वृद्धि होती है.
पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों के बारे में पता चलता है.
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ओएसओपी योजना के कुछ चुनौतियां:
स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना एक चुनौती है.
स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल विकास की आवश्यकता होती है.
रेलवे स्टेशनों पर इन आउटलेटों को संचालित करने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है.
ओएसओपी योजना के भविष्य की संभावनाएं:
इस योजना को और अधिक व्यापक बनाया जा सकता है.
स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता में सुधार किया जा सकता है.
स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को अधिक कौशल विकास प्रदान किया जा सकता है.
भारतीय रेलवे इस योजना को और अधिक सफल बनाने के लिए इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम कर रही है.
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