डीएनए हिंदी: वर्तमान समय में भारत, जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ पहले स्थान पर आ गया है तो जाहिर सी बात है कि ट्रेनों में या भारतीय भूमि पर इंसानों की संख्या तो बढ़ेगी ही. जिस वजह से ट्रेनों में भीड़ भी बढ़ी है. इसी को देखते हुए और यात्रियों के सुविधा के लिए भारतीय रेलवे भी लागातार ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. बता दें कि कोरोना से पूर्व के मुकाबले इस समय लगभग 5 फीसदी ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया गया है.
यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे धीरे- धीरे करके ट्रेनों की संख्या भी बढ़ा रहा है. रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, कोरोनाकाल से पहले 10,196 ट्रेने संचालित होती थी. जिनकी संख्या बढ़ाकर वर्तमान में 10,723 कर दी गई है. बता दें कि मौजूदा समय में लगभग 527 ट्रेनों का संचालन बढ़ा है. जिसमें वंदेभारत, शताब्दी, राजधानी, तेजस, गतिमान, हमसफर, दूरंतो, मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर जैसी बहुत सी ट्रेनें शामिल हैं.
बात करें कोरोनाकाल से पहले प्रीमियम ट्रेन संचालन की संख्याओं की तो उस समय कुल प्रीमीयम ट्रेनें 1768 थी. जिसमें वंदेभारत, शताब्दी, राजधानी, तेजस, गतिमान, हमसफर और दूरंतो जैसी ट्रेनें शामिल थी. लेकिन कोरोना के बाद इन ट्रेनों में वेटिंगलिस्ट बढ़ने से रेलवे ने प्रीमियम ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी किया. वर्तमान में 2088 प्रीमियम ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. यानी की भारतीय रेलवे ने 320 प्रीमियम ट्रेनों की संख्या बढ़ाई है.
जानकारी के मुताबिक, सबअर्बन ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई गई है. बता दें कि कोरोना से पहले इन ट्रेनों की संख्या 5626 थी. जिस इस समय बढ़ाकर 5726 कर दिया गया है. यानी की भारतीय रेलवे ने 100 सबअर्बन ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी की है.
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