घर खरीदने का कर रहे हैं प्लान? पहले ही जान लें ये जरूरी बातें, बड़े लॉस से बच जाएंगे

नेहा दुबे | Updated:Jul 19, 2023, 02:06 PM IST

Property Construction

Average Life of Building: दुनिया में हर चीज की उम्र होती है ठीक ऐसे ही घर, मकान या बिल्डिंग की भी उम्र होती है. अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको नीचे दिए गए बातों का ख्याल रखना चाहिए.

डीएनए हिंदी: कई बार आप अपने लिए घर लेने का प्लान करते है तो उसके लिए घर की कीमत, लोकेशन, बिल्डर, लोन आदि बहुत सी चीजों का ध्यान रखना पड़ता. इन्हीं सभी झंझटों और कई बार पैसों की कमी की वजह से भी लोग रीसेल होम यानी पुराना घर ही लेने को तैयार हो जाते है. इससे आपको ये भी फायदा होता है कि अपनी पसंदीदा जगह पर घर लेने के बाद आपको इसमें शिफ्ट होने के लिए कंस्ट्रकशन का इंतजार नहीं करना होता है.   

रियल एस्टेट के जानकारों के मुताबिक, कई बार पुराना घर लेना आपके लिए अच्छा साबित होता है तो कई बार ध्यान न देने पर इसके थोड़े नुकसान भी है. हालांकि, बहुत से एक्सपर्ट्स आपको इस बात के लिए जरूर कहते है कि आप पुराना घर खरीदते समय कुछ बातों पर जरूर ध्यान दें कि उस घर का एज यानी बिल्डिंग कितनी पुरानी है और इसके अलावा भी बहुत कुछ पर ध्यान देना चाहिए.

आपको ये भी पता करना चाहिए की उस घर की उम्र अभी कितनी बची है. इसके अलावा आपको 50 वर्ष और इससे ज्यादा पुराना घर लेने से बचना चाहिए. क्योंकि अगर आप ऐसा घर लेते हैं तो आपको इसका नवीनीकरण या इसे दोबारा बनाने की जरूरत हो सकती है और आप ऐसा करते हैं तो आपको घर लेने के बाद भी रेंट के मकान या रूम में रहना पड़ सकता है और उसके रेंट एग्रीमेंट को बार-बार रिन्यू भी कराने का झंझट हो सकता है. 

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एक्सपर्ट्स की मानें तो आमतौर पर कंक्रीट के मकान की एवरेज उम्र लगभग 75-100 साल होती है और ये भी इसके बहुत से कारकों पर आधारित होता है. अपार्टमेंट की एवरेज लाइफ करीबन 50 से 60 मानी जाती है. इसके बाद जमीन से बनी मकान का उम्र अपार्टमेंट से ज्यादा माना जाता है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि कोई भी मकान जितनी पुरानी होती है. उसकी कीमत भी उतनी ही कम होती जाती है. इसमें फ्लैट्स की कीमत ज्यादा तेजी से कम होती है. 

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको उस पर ध्यान देना चाहिए. जैसे कि आपको उस घर का असली डॉक्यूमेंट देखने पर भी जोर देना चाहिए. इसके बाद आपको डॉक्यूमेंट को कई बार वैरिफाई भी कर लेनी चाहिए कि कहीं उस पर कोई लोन तो नहीं है. जिसका बकाया राशि अभी बचा ही हो. इसके बाद आप रिसेल प्रॉपर्टी के लोन के लिए खुद से होम लोन का अप्लाई करते हैं तो आपको अपने लेंडर से एक बार फिर डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन करा लेना चाहिए. पुराना मकान खरीदते समय आपको उसके लिए ट्रांसफर और रजिस्ट्रेशन फीस दोनों ही देना होता है. अब घर खरीदने के अंत में आपको इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि कुछ अधिकार क्षेत्रों के अंतर्गत आपकी ये फीस एक बड़ी राशि न हो. नहीं तो ये आपके रीसेल प्रॉपर्टी लेने के फायदे को कम कर सकता है.

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