डीएनए हिंदी: 1 अप्रैल को नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही विभिन्न वित्तीय नियमों (Insurance Sector New Rules) में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. खासकर यह बदलाव बीमा क्षेत्र में हुआ है. सबसे उल्लेखनीय परिवर्तनों में से एक विशिष्ट प्रकार के बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट के बारे में जानकारी होनी जरूरी है. खासकर अगर कोई इस वित्तीय वर्ष में एक नई बीमा पॉलिसी खरीदने की योजना बना रहा है.
इस साल से ग्राहक अगर ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसी में निवेश करते हैं तो उन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. पहले, निवेशक ऐसी नीतियों पर कोई टैक्स देने के लिए बाध्य नहीं थे, लेकिन अब उन्हें सालाना 5 लाख रुपये से अधिक की प्रीमियम राशि पर कर चुकाना होगा. यह ध्यान रखना जरूरी है कि यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) को इस नए आयकर नियम से छूट दी गई है, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रति वर्ष 5 लाख रुपये से अधिक के ULIP प्रीमियम पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता रहेगा.
बीमा नियामक, IRDAI ने प्रबंधन खर्च और कमीशन की सीमा में बदलाव किया है. IRDAI ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए बीमा एजेंटों या एग्रीगेटर्स पर कमीशन की सीमा हटाने का फैसला किया है. इससे पहले IRDAI ने प्रस्ताव दिया था कि कमीशन को कुल खर्च के 20 फीसदी तक सीमित किया जाना चाहिए, लेकिन इस सीमा को हटा दिया गया है. अब, बीमा कंपनियां अपने विवेकानुसार कमीशन राशि निर्धारित कर सकती हैं.
बीमा क्षेत्र में इन नए परिवर्तनों के साथ, नए नियमों और विनियमों से अवगत रहना जरूरी है. इस वित्तीय वर्ष में बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले सभी कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार करना जरूरी है.
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