डीएनए हिंदी: वंदे भारत ट्रेनों के साथ ही भारतीय रेलवे (Indian Railway) का लुक ही नहीं बदल रहा है, बल्कि धीरे-धीरे रेलवे का पूरा सिस्टम ही बदल रहा है. इसी के चलते अपनी लेटलतीफी के लिए मशहूर भारतीय रेल अब पहले से ज्यादा तेज दौड़ रही हैं. यह दावा रेल मंत्रालय ने अपनी कम से कम 500 मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए किया है, जिनकी रफ्तार नए रेलवे टाइम टेबल (New Railway Time Table) में पहले के मुकाबले बढ़ गई है. मंत्रालय का दावा है कि इसके चलते अब ये ट्रेन पहले के मुकाबले अपने आखिरी स्टेशन तक पहुंचने में 10 से लेकर 70 मिनट तक का कम समय ले रही हैं.
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65 ट्रेन बन गई हैं 'सुपरफास्ट'
नया ऑल इंडिया रेलवे टाइम टेबल गत् 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है. यह 'ट्रेन एट ए ग्लांस (TAG)' नाम से यह टाइम टेबल रेलवे की वेबसाइट पर अपलेड किया गया हैस जिसे हर कोई देख सकता है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, नए टाइम टेबल में 500 मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई गई है, जबकि 65 जोड़ी ट्रेन को 'सुपरफास्ट' कैटेगरी में शामिल किया गया है. नए टाइम टेबल से सभी ट्रेन की औसत गति करीब 5% बढ़ गई है, जिससे एक्स्ट्रा ट्रेन संचालन के लिए 5% अतिरिक्त मार्ग मिल गए हैं.
चलाई गई हैं कईं प्रीमियम ट्रेन
मंत्रालय के मुताबिक, रेल यात्रा की क्वालिटी सुधारने के लिए पिछले सालों के दौरान कई प्रीमियम ट्रेन चालू की गई हैं, जिनमें नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-कटरा और गांधीनगर-मुंबई के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) जैसी ट्रेन शामिल हैं.
बता दें कि रेलवे विभिन्न कैटेगरी में गतिमान एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, अंत्योदय एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, युवा एक्सप्रेस, उदय एक्सप्रेस,जनशताब्दी एक्सप्रेस जैसी कई तरह की प्रीमियम सेवाएं चलाता है. ये ट्रेन सामान्य पैसेंजर व मेल एक्सप्रेस ट्रेनों से इतर हैं.
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9 फीसदी सुधरी है रेलवे की समयबद्धता
मेल एक्सप्रेस ट्रेन अब पहले से ज्यादा संख्या में सही समय पर अपने आखिरी स्टेशन पर पहुंच रही है. इस समयबद्धता में करीब 9 फीसदी का सुधार आया है. मंत्रालय के मुताबिक, साल 2019-20 में 75 फीसदी समयबद्धता के मुकाबले साल 2022-23 के दौरान यह आंकड़ा करीब 84 फीसदी रहा है. रेलवे लगातार यात्रा को सुविधाजनक बनाने की कोशिश कर रहा है. इसी कारण देश में 200 रेलवे स्टेशनों का भी फेस लिफ्ट (जीर्णोद्धार) चल रहा है, जिसमें उन्हें नया लुक देने के साथ ही सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है.
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एक नजर में भारतीय रेलवे
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