Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

NavIC: भारतीय स्मार्टफोन में जनवरी 2023 से स्वदेशी GPS, जानिए क्यों मची है इससे फोन मेकर्स में खलबली

नाविक रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है, जिसे भारत सरकार ने साल 2018 में लॉन्च किया था. यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है.

NavIC: भारतीय स्मार्टफोन में जनवरी 2023 से स्वदेशी GPS, जानिए क्यों मची है इससे फोन मेकर्स में खलबली
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: देश में आगामी जनवरी यानी साल 2023 से कहीं जाने के लिए आपके स्मार्टफोन का 'नाविक' रास्ता दिखाएगा. केंद्र सरकार ने सभी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को अपने फोन बाजार में उतारने से पहले स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम नाविक (NavIC) इंस्टॉल करने का आदेश दिया है. हालांकि सरकार की इस 'आत्मनिर्भर भारत (self reliance India)' मुहिम से फोन निर्माताओं में खलबली मच गई है, जिन्हें इस नेविगेशन सिस्टम के लिए हार्डवेयर में बदलाव की जरूरत के कारण स्मार्टफोन महंगे होने की चिंता सता रही है. इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, यह मुद्दा सैमसंग, शियोमी से लेकर एपल तक सभी प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं ने सरकार के सामने उठाया है.

स्मार्टफोन कंपनियों ने इसके लिए फोन में आवश्यक बदलाव करने का समय मांगा है. कंपनियों ने साल 2025 तक का समय सरकार से देने को कहा है. अब सरकार इस पर अगले कुछ दिनों में निर्णायक फैसला ले सकती है.

पढ़ें- Wolf Human Friendship: क्या इंसानों के साथ कुत्तों की तरह रह सकते हैं भेड़िए? जानें दिलचस्प फैक्ट्स

हालांकि, देर रात IT मंत्रालय ने ट्वीट कर स्पष्ट किया कि नाविक को स्मार्टफोन्स का हिस्सा बनाए जाने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. जो मीटिंग्स इसे लेकर हुई हैं, वे सलाह-मशविरे के लिए की गई हैं. फिलहाल इस मुद्दे पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा जारी है.

क्या है नाविक और क्यों की गई थी शुरुआत

बता दें कि साल 2018 में भारत ने अपना स्वदेश निर्मित रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लॉन्च किया था, जिसे नाविक (Navigation with Indian Constellation) नाम दिया गया था. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है. इसके जरिए भारत सरकार विदेशी सिस्टम्स पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है. 

खासतौर पर पूरी दुनिया में उपयोग किए जा रहे यूएस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) भारतीय सेनाओं की निर्भरता कम करने की योजना है. सरकार का कहना है कि नाविक के जरिए देश के अंदर ज्यादा सटीक नेविगेशन रिजल्ट मिल रहे हैं और इसका उपयोग अर्थव्यवस्था को लाभ दे सकता है.

पढ़ें- Italy Election Results: इटली में दक्षिणपंथी दलों को बहुमत, मेलोनी बनेंगी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री

अब स्मार्टफोन निर्माताओं को क्यों दिया आदेश

Reuters की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का कहना है कि चीन, यूरोपियन यूनियन, जापान और रूस भी अपना ग्लोबल या रीजनल नेविगेशन सिस्टम GPS के प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उपयोग कर रहे हैं. इसके मुकाबले साल 2018 से अब तक नाविक का उपयोग देश में बेहद कम हुआ है. उदाहरण के लिए वाहनों में भी पब्लिक व्हीकल लोकेशन ट्रैकर में इसका उपयोग अनिवार्य होने के कारण किया जा रहा है. 

रिपोर्ट में सरकारी व स्मार्टफोन इंडस्ट्री से जुड़े दस्तावेजों के हवाले से दावा किया गया है कि मोदी प्रशासन और अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी नाविक का उपयोग बढ़ाना चाहते हैं. इसी कारण स्मार्टफोन निर्माताओं से हर नए फोन में GPS के साथ ही नाविक भी इंस्टॉल करने के लिए कहा गया है. ये नए फोन जनवरी, 2023 से बिकने के लिए बाजार में उतारे जाने हैं.

पढ़ें- Apple Diwali Offer: आईफोन समेत सभी प्रोडक्ट्स पर मिलेगी 7 हजार की छूट

स्मार्टफोन निर्माता जता चुके हैं डेडलाइन पर आपत्ति

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन इंडस्ट्री से जुड़ी दो प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों और सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, नाविक को लेकर फोन निर्माता सरकार से आपत्ति जता चुके हैं. अगस्त और सितंबर में हुई प्राइवेट मीटिंग्स में एपल इंक (Apple Inc), शियोमी कॉर्प (Xiaomi Corp), सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (Samsung Electronics Co Ltd) व अन्य ने इस प्रस्ताव पर चिंता जाहिर की थी. इनका कहना है कि फोन को नाविक के अनुरुप बनाने का मतलब एडवांस रिसर्च और प्रॉडक्शन कॉस्ट में ज्यादा बढ़ोतरी होगा. 

कंपनियों का कहना है कि इन बदलाव के लिए ज्यादा टेस्टिंग क्लियरेंस की जरूरत होगी, जो 1 जनवरी की डेडलाइन के भीतर करने के चक्कर में पूरे व्यापार और पहले से प्लान किए जा चुके फोन लॉन्च का प्रभावित करेगी.

पढ़ें- मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा लॉन्च, करीब 28 किलोमीटर प्रति लीटर तक का देगी माइलेज

खुलकर नहीं दे रहा कोई भी जवाब

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मुद्दे से जुड़ा कोई भी पक्ष स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रहा है. सैमसंग ने इन मीटिंग्स को लेकर कमेंट करने से इंकार कर दिया, जबकि एपल और शियोमी ने रॉयटर्स की तरफ से मांगी गई प्रतिक्रिया का जवाब नहीं दिया. इसी तरह भारत के IT मंत्रालय और अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

पढ़ें- PLAYFIT CHAMP 2: 2,000 रुपये से भी कम में लॉन्च हुई ये बेहतरीन स्मार्टवॉच, फिटनेस मोड के मिलेगे प्रीमियम फीचर्स

सैमसंग ने उठाई है सबसे ज्यादा आवाज

रॉयटर्स के मुताबिक, 2 सितंबर को टॉप स्मार्टफोन मेकर्स व चिपमेकर्स के साथ IT मंत्रालय व इसरो के अधिकारियों ने बंद दरवाजों में एक मीटिंग की. इस मीटिंग की मिनट्स के हिसाब से सैमसंग के इंडिया हेड बीनू जॉर्ज (Samsung India Head Binu George) ने बेहद सख्त शब्दों में सरकार को उत्पादन लागत बढ़ने की चिंताओं पर चेतावनी दी. कंपनी ने इससे अपने 2024 तक में लॉन्च होने वाले फोन्स की प्लानिंग भी डिस्टर्ब होने की बात कही. हालांकि मिनट्स के मुताबिक, इसरो ने सभी कंपनियों को नए स्मार्टफोन में नाविक नेविगेशन सिस्टम लगाने के लिए टेक्नीकल सपोर्ट देने का वादा किया है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement