डीएनए हिंदी: यूपी निकाय चुनाव 2023 के मद्देनजर आज और कल यानी 11 मई और 12 मई को शराब के सभी ठेके बंद रहेंगे. साथ ही पब और रेस्तरां में भी शराब की बिक्री पर रोक लगाई गई है. यह रोक प्रदेश में सौहार्द बनाए रखने के लिए किया गया है. हालांकि यह तो हो गई आम जनता को सुरक्षित रखने के लिए सरकार के लिए गए फैसले की बात. लेकिन उनका क्या जिनका शराब का बिजनेस है? इससे दो दिनों में शराब के बिजनेस पर कितना असर पड़ेगा आइए जानते हैं.
यूपी में शराब का बिजनेस
यूपी में बड़ी तेजी के साथ शराब के शौकीनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. अब आप जरा अनुमान लगाइए कि प्रदेश में शराब का बिजनेस प्रति दिन कितना होगा? एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बिजनेस 10-15 करोड़ रुपये का नहीं बल्कि लगभग तीन अरब रुपये का है. यानी दो दिन में लगभग 5.5 से 6 अरब का शराब के बिजनेस का नुकसान होगा.
यूपी में दो सालों में बढ़ा शराब का कारोबार
यूपी आबकारी मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों में शराब और बियर की बिक्री में तेजी के साथ बढ़ोतरी हुई है. इसकी एक वजह नए क्षेत्रों में शराब और बियर की दुकानों की बढ़ती संख्या में बढ़ोतरी की वजह से भी लोगों की इनकम में इजाफा हुआ है. इसमें भी प्रदेश में सबसे ज्यादा देसी की बिक्री हो रही है. वहीं कई जिलों में माइक्रो ब्रिबरी और प्रीमियम शराब की दुकानों में भी इजाफा हुआ है. यानी अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में हर महीने शराब और बियर की बिक्री से एक ख़रब रुपये का बिजनेस हो रहा है.
यूपी के कौन से जिलों में सबसे ज्यादा होती है शराब की बिक्री?
यूपी के नोएडा में लगभग 13 से 14 करोड़ प्रति दिन, गाजियाबाद में 13 से 14 करोड़, आगरा में 12 से 13 करोड़, मेरठ में 9 से 10 करोड़., कानपुर में लगभग 10 करोड़, वाराणसी में 6 से 7 करोड़ रुपये की प्रति दिन शराब बिक्री होती है.
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