कौन है ये बौद्ध भिक्षु जिसने छोड़ दी 40 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति, जानिए यहां

नेहा दुबे | Updated:Jul 12, 2023, 04:00 PM IST

Buddhist Ven Ajahn Siripanyo

श्रीलंका के एक बिजनेसमैन घराने के एक बच्चे ने सिर्फ इसलिए 40 हजार करोड़ की संपत्ति छोड़ दी क्योंकि उन्हें बौद्ध भिक्षु बनना था. जानिए कौन हैं ये...

डीएनए हिंदी: आप गौतम बुद्ध की कहानी के बारे में तो जानते ही होंगे. उन्होंने दुनिया की कुछ घटनाओं को देखकर अपना राज सुख और सब कुछ त्याग दिया था और धर्म के मार्ग पर चलने लगे थे. इसके बाद उन्होंने एक नये धर्म बौद्ध धर्म की स्थापना की. आज उनके एक अन्य अनुयायी वेन सिरिपैन्यो (Ven Ajahn Siripanyo) ने उनकी कहानी दुहराई है. सिरिपैन्यो ने 40 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को त्याग कर 18 साल की उम्र में ही एक बौध भिक्षुक बनने का निर्णय लिया है. उनके इस फैसले ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है.

सिरिपैन्यो श्रीलंकाई तमिल मूल के टेलीकॉम टाइकून आनंद कृष्णन के परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इन्होने अपने पिता कृष्णन के मेगा बिलियन- डॉलर टेलीकॉम साम्राज्य को संभाला था. कृष्णन के पूरे साम्राज्य में टेलीकॉम इंडस्ट्री, मीडिया, तेल और गैस, रियल एस्टेट इसके साथ ही उपग्रहों का भी बिजनेस शामिल है. बता दें कि कृष्णन ने कम से कम 9 बड़ी कंपनियों में हिस्सा खरीदा है और इन्हें मलेशिया के तीसरे सबसे अमीर इंसान के रूप में पहचान मिली हैं.

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आनंद कृष्णन बौद्ध धर्म और एक प्रमुख परोपकारी व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं. ये शिक्षा और कई मानवीय प्रयासों आदि के लिए भी दान करते रहते हैं. बता दें कि इनके बेटे ने 18 साल की उम्र में ही बौद्ध भिक्षु बनने का फैसला कर लिया था. हालांकि सिरिपैन्यो के भिक्षु बनने के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन जानकारी के मुताबिक, उनके एकांतवास के समय मौज मस्ती के लिए सिरिपैन्यो ने संन्यासी जीवन अपना लिया था. बता दें कि उनकी अस्थायी रूप से अपनाई गई जीवनशैली समय के साथ स्थायी रूप में बदल गई है. अपने पिता की करोड़ो की संपत्ति को त्याग कर सिरिपैन्यो बौद्ध भिक्षु की तरह भिक्षा मांग कर अपना जीवन व्यतीत करने लगे.

जानकारी के मुताबिक, सिरिपैन्यो पिछले दो दशक के ज्यादा समय से भिक्षु की जिंदगी जंगलों में बिता रहे हैं. ये थाईलैंड के दताओ दम मठ के मठाधीश भी हैं. लोगों का ये भी मानना है कि सिरिपैन्यो अपनी मां की ओर से थाई शाही परिवार के वंशज भी है. इनके भिक्षु बनने के पहले के जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मली है. लेकिन बताया जाता है कि इनका बचपन ब्रिटेन में इनकी दो बहनों के साथ ही बीता है और इनको कुल 8 भाषाओं की जानकारी है.

एयरसेल के संस्थापक  सी शिवशंकरन थे. इन्होंने मैक्सिस बेरहाद के साथ मिलकर एयरसेल कंपनी की स्थापना की थी. बता दें कि आंनद कृष्णन मैक्सिस बेरहाल कंपनी के मालिक हैं ये कंपनी मलेशिया की टेलीकॉम कंपनी है. साल 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल का 74 फ़ीसदी हिस्सा खरीदकर इसका मालिकाना हक प्राप्त कर लिया था. इसे लेकर ये काफी विवाद में भी रहते है. चेन्नई सुपरकिंग्स में स्पॉन्सर के कुछ समय बाद ही साल 2018 में एयरसेल दिवालिया हो गया था.

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