डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर पर आयात प्रतिबंध अपने आदेश को लगभग तीन महीने के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक के लिए टाल दिया. इस आदेश के बाद इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों अब बिना लाइसेंस के इन उपकरणों को ज्यादा से ज्यादा इंपोर्ट कर पाएगी. हालांकि सरकारी आदेशानुसार इन कंपनियों को 1 नवंबर 2023 से लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट जैसे गेजेट्स को इंपोर्ट करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा. 3 अगस्त 2023 से सरकार ने इन गैजेट्स के आयात को तत्काल प्रभाव से लाइसेंस सिस्टम के तहत डाल दिया. सरकार के इस अचानक लिए फैसले से इंडस्ट्री में कई लोगों का गुस्सा भी फूटा था. क्या था पूरा मामला आइए विस्तार से आपको बताते हैं.
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ( DGFT) ने जारी किया आदेश
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शुक्रवार देर रात जारी एक आदेश में कहा कि '3 अगस्त 2023 को जारी की गई अधिसूचना अब 1 नवंबर से प्रभावी होगी. इसमें कहा गया है, "उपकरणों के आयात पर लगे प्रतिबंधित को कुछ समय के लिए वापिस लिया जा रहा है. अब बिना लाइसेंस व्यापारी केवल 31 अक्टूबर 2023 तक लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट को इंपोर्ट कर सकते हैं. हालांकि 1 नवंबर 2023 से इन उपकरणों के आयात के लिए वैध लाइसेंस की आवश्यकता होगी.'
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31 अक्टूबर तक मिली छूट
नए आदेश के मुताबिक अब 31 अक्टूबर 2023 तक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात के लिए एक फ्लेक्सिबल ट्रांजिशनल अरेंजमेंट की गई है. इस कदम से उन कंपनियों को राहत मिलेगी जो गुरुवार के आदेश के बाद परेशानी में आ गई थी. सुरक्षा कारणों और डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के कारण सरकार ने बाहरी आयात पर प्रतिबंध लगाए गए थे. हालांकि 1 नवंबर के बाद से लाइसेंसिंग से चीन और कोरिया जैसे देशों से इन सामानों के आने वाले शिपमेंट में भी कमी आएगी. अधिकारियों ने कहा कि आयात पर प्रतिबंध लगाने से केंद्र को उन स्थानों पर कड़ी नजर रखने में मदद मिलेगी जहां कहीं से भी प्रोडक्ट आ रहे हैं.
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मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के इस निर्णय से देश में डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा. भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को काफी ज्यादा प्राथमिकता देने की ओर लगी हुई है. इसलिए मोदी सरकार कई बार होने वाले ट्रेड प्रोग्राम में बाहरी कंपनियों को भारत में प्लांट लगाने के निमंत्रण भी दे चुके हैं. आपको बता दें कि PLI 2.0 (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम) आईटी हार्डवेयर योजना के तहत, 44 कंपनियां पहले ही रजिस्टर हो चुकी हैं और दो कंपनियों ने 31 जुलाई तक योजना पोर्टल पर अपने आवेदन दाखिल किए हैं. कंपनियां 30 अगस्त तक आवेदन जमा कर सकती हैं.
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