डीएनए हिंदी: सफलता कभी भी किसी को चम्मच में डालकर नहीं परोसी जाती है. किसी भी सफल व्यक्ति के पीछे उसकी दिन-रात की मेहनत लगी होती है. मुकेश जगतियानी (Mukesh Jagtiani) की भी कुछ ऐसी ही कहानी है. जिन्होंने अपने मेहनत और धैर्य के बल-बूते पर अपनी सफलता की कहानी लिख दी है. हालांकि मुकेश की कहानी भी काफी फिल्मी है.
मुकेश जगतियानी पढ़ाई करने के लिए लंदन गए थे लेकिन आर्थिक संकट की वजह से उन्होंने पेट पालने के लिए टैक्सी चलानी शुरू कर दी. इस दौरान मुकेश ने कुछ समय तक टैक्सी चलाई और फिर टैक्सी से किए हुए इनकम से बिजनेस शुरू करने की सोची और लैंडमार्क ग्रुप को खड़ा किया. आज मुकेश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सबसे अमीर भारतीयों में से एक हैं.
मुकेश जगतियानी का बचपन
मुकेश जगतियानी ने बचपन में ही मां-पिता को खो दिया था और फिर उसके बाद भाई की मौत ने उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया. इस दौरान घर की जिम्मेदारी की वजह से मुकेश भाई की दुकान संभालने के लिए साल 1973 में बहरीन चलाए गए. इस दौरान उन्होंने भाई की दुकान को खिलौने की शॉप में बदल दिया और बाद में इसके 6 और आउटलेट खोले.
लैंडमार्क ग्रुप क्या करता है?
लैंडमार्क ग्रुप कई सेक्टर्स में काम करता है. आज के समय में यह फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर और होटल जैसे सेक्टर्स में फैला हुआ है. मुकेश के ज्यादातर बिजनेस मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में फैला हुआ है. फोर्ब्स के मुताबिक आज के समय में मुकेश की टोटल नेटवर्थ 5.2 अरब डॉलर है यानी 45 हजार करोड़ रुपये के आसपास है.फिलहाल मुकेश जगतियानी की पत्नी रेणुका जगतियानी कंपनी को चला रही हैं.
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