डीएनए हिंदी: अगर आपके पास 2000 रुपये का नोट है तो आपको पता ही होगा कि शुक्रवार को RBI ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया है. हालांकि सरकार ने इसे बदलने के लिए कस्टमर्स को चार महीने का वक्त दिया था. अब ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कि है कि अगर सच में काले धन को कम करने के लिए 2000 रुपये के नोट लिए जा रहे हैं तो फिर यह बिना आईडी प्रूफ के क्यों वापस लिए जा रहे हैं.
मालूम हो कि आज से यानी 23 मई से बैंकों में 2 हजर रुपये के नोट बदले जा सकेंगे और इसके लिए किसी भी तरह की आईडी प्रूफ देने की जरुरत नहीं है. अब जनता इसी पर सवाल खड़ा कर रही है.
यह भी पढ़ें:
PM Kisan Yojana: क्या पीएम किसान योजना में पति-पत्नी दोनों को मिल सकता है किस्त का लाभ? यहां जानें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2,000 रुपये के बैंकनोट को वापस लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने साफ़ कर दिया है कि ग्राहक अपने 2,000 रुपये के नोटों को बैंक के ब्रांचेज में जाकर एक बार में 20,000 रुपये तक की राशि को बिना आईडी प्रूफ के बदल सकते हैं.
SBI ने बताया कि, "कृपया सभी संस्थाएं जनता के हितों और सुविधा को ध्यान में रखकर व्यवस्था करें और जनता के सदस्यों के लिए सभी सहयोग का विस्तार करें ताकि जनता को बिना किसी असुविधा के 2000 रुपये के नोट को बदलने में मदद मिल सके."
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह 2,000 रुपये के नोटों को चलन से हटा लेगा और लोग 30 सितंबर तक उन्हें बदल सकते हैं या अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं.
नवंबर 2016 में 2000 रुपये के बैंकनोट को पेश किया गया था. दरअसल 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था. उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था.
आरबीआई ने कहा 2000 रुपये के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य एक बार पूरा हो गया जब अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए. इसलिए, बाद में 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.