डीएनए हिंदी: कई प्राइवेट कंपनियों को मात देने वाला सरकारी कंपनी ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) भारत का सबसे बड़ा डिजिटल मार्केट बन गया है. वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक, इस पोर्टल का रिटेल ऑर्डर इस समय लगभग 35 हजार से ज्यादा है. पहली बार ऐसा देखा गया है कि इस ऐप पर दिल्ली एनसीआर से सबसे ज्यादा आर्डर आए हैं. जबकि इससे पहले बैंगलोर से इस ऐप पर ज्यादा आर्डर किए जाते थे.
ओएनडीसी (ONDC) के आंकड़ों के मुताबिक, इस पोर्टल पर कमीशन सबसे कम यानी 2 से 4 फीसदी ही लगता है. इस वजह से इस ऐप के प्रोडक्ट काफी सस्ती कीमत पर मिल जाते हैं. बीते रविवार यानी 9 जुलाई 2023 को देखा गया कि दिल्ली एनसीआर से कुल 11 हजार से ज्यादा रिटेल ऑर्डर आए थे. जबकि बैंगलोर के रिटेल आर्डर मात्र 7 हजार थे. इसके बाद रिटेल ऑर्डर के लिहाज से मुंबई तीसरे नंबर पर, हैदराबाद चौथे और पुणे पांचवें नंबर पर आता है. इन शहरों का रिटेल ऑर्डर 2500 से 3000 के बीच ही होता है.
बता दें कि ओएनडीसी एक सरकारी ऐप है. इस ऐप से सबसे ज्यादा फूड और ग्रोसरी के सामान ऑर्डर किए जाते हैं. इसके अलावा खेती से जुड़ी चीजें भी इससे मंगाई जाती हैं. ओएनडीसी के सीईओ टी कोशी बताते हैं कि इस ऐप से बॉयर और सेलर दोनों ही जुड़ सकते हैं. इस ऐप का नेटवर्क बहुत ही तेजी से फैल रहा है. उनका अनुमान है कि इस साल के अंत तक इसका हर रोज का रिटेल आर्डर संख्या लगभग दो लाख से ज्यादा हो सकता है.
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ओएनडीसी के सीईओ कोशी का अनुमान है कि वर्तमान समय में इस ऐप पर केवल कृषि और ग्रोसरी से जुड़ी वस्तुएं ही मिलती हैं. लेकिन जल्द ही इस ऐप से फाइनेंशियल चीजें जैसे बैंकिंग और निवेश को भी जोड़ा जा सकता है. बता दें कि इस ऐप के शुरुआत के 1 सप्ताह के अंदर ही इसका हर रोज का आर्डर लगभग 10 हजार से ज्यादा हो गया है. जिसमें सबसे ज्यादा लगभग 40 फीसदी आर्डर दिल्ली से, इसके बाद मुंबई, कोलकाता और बैंगलोर आदि महानगरों से किए गए थे.
बता दें कि इस ऐप ने सभी प्राइवेट ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेजन (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart), स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) आदि ऑनलाइन कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है. इस ऐप से सामान मंगाने से कई सारे फायदे भी हैं. जैसे कि 1 जून से सामान ऑर्डर करने वाले लोगों को इंसेंटिव स्कीम भी दिया गया था. इस ऐप के ग्राहकों को हर महीने 5 ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव भी दिया जाता है. शुरुआत में तो इसके हर रोज के 3 आर्डर पर इंसेंटिव दिया जाता था. ये इंसेंटिव ग्राहकों को फोनपे, पेटीएम, मैजिकपिन आदि के द्वारा ट्रांजेक्शन पर मिलता है.
सरकार के अनुमान के मुताबिक अगले 2 सालों के अंदर भारत ई-कॉमर्स प्लेटफार्म ONDC की पहुंच लगभग 90 करोड़ खरीदारों और 12 लाख विक्रेताओं के साथ 25 फीसदी के आंकड़ो को पार कर सकता है. इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा इसका मर्चेंडाइज वैल्यू लगभग 48 अरब डॉलर तक हो सकता है. ओएनडीसी ऐप कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस मतलब कारोबार के लागत को भी कम कर सकता है.
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