डीएनए हिंदी: आज के समय में कोई भी ऐसा नहीं है जो घर पर रहता हो. किसी न किसी काम के लिए आपको भी बाहर जाना ही पड़ता होगा. ऐसे में किसी का एक्सीडेंट हो जाए और दुर्भाग्यवश उस एक्सीडेंट में उस इंसान की मौत हो जाए और उस इंसान पर ही घर की पूरी जिम्मेदारी हो तो फिर उस परिवार को दोगुना सदमा लग जाता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी ले सकते हैं. जो ऐसे बूरे वक्त में आपके परिवार की मदद करेगा.
अगर किसी ने पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिस ली है और एक्सीडेंट में उसकी मृत्यु, स्थायी, अस्थायी या आशिंक विकलांगता होने पर उसके परिवार को इस पॉलिसी के तहत जमा राशि की पूरी रकम दी जाती है. इसके अतिरिक्त कंपनी पॉलिसी के साथ- साथ और भी कई सुविधाएं देती है. ये कंपनियां अपने पॉलिसीधारकों के बच्चों की पढ़ाई, दुर्घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कारवाई का खर्च और विकलांगता के बाद आय के नुकसान का खर्च भी उठाती है. कई ऐसी बीमा कंपनियां हैं जो अपने पॉलिसीधारको को तय अवधि तक का कैश अलाउंस भी उपलब्ध कराती हैं. इसके साथ ही अंतिम संस्कार का खर्च भी पॉलिसी के साथ ही जोड़कर देती हैं. अगर आप सही पॉलिसी लेते हैं तो ये आपके EMI का भुगतान भी खुद ही कर देती है.
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अगर किसी बीमाधारक का एक्सीडेंट नशे में गाड़ी चलाने के कारण हुआ है या किसी दंगे में उसको चोट लगी है, या आत्माहत्या की है या उसकी विकलांगता जन्मजात है तो एक्सीडेंट पॉलिसी के तहत उसको कोई रकम नहीं दी जाएगी. इसके अलावा किसी एडवेंचर स्पोर्ट्स में विकलांगता होने पर भी इस पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं दिया जाता है.
इस पॉलिसी की प्रीमियम के लिए आप 200- 300 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं. इसके अलावा आपकी कवर जितनी ज्यादा होगी उसके मुताबिक, ही आपकी प्रीमियम की राशि भी बढ़ेगी. इस पॉलिसी में पॉलिसीधारकों की उम्र भी मायने रखती है. इसके तहत 35 वर्ष के व्यक्ति को 500- 1000 रुपये की राशि पर 10 लाख रुपये की सम एश्योर्ड वाला एक्सीडेंट कवर दिया जा सकता है. इंश्योरेंस लेने से पहले आपको कंपनी की क्लेम रेश्यो पर जरूर ध्यान देना चाहिए.
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