डीएनए हिंदी: पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त किसानों के अकाउंट में अएाने वाली है. वैसे बीती दो से तीन किस्तों की बात करें तो पीएम किसान के लाभार्थियों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है. लगातार तीन किस्तों में 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिला था, लेकिन बीती इंस्टॉलमेंट 11 करोड़ से कम किसानों को मिली. वास्तव में सरकार ने नियमों को सख्त कर दिया है. ई-केवाईसी और वेरिफिकेशन में सख्ती आने के कारण वो किसान बाहर हो गए हैं, जो इस योजना के लिए एलिजिबल नहीं है. वैसे देश में 12 करोड़ से ज्यादा किसान इस योजना में रजिस्टर्ड हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की संख्या में किस तरह से गिरावट देखने को मिल रही है.
लगातार तीन किस्तों से कम हो रहे हैं लाभार्थी
वित्त वर्ष 2021-22 अगस्त-नवंबर की किस्त में रिकॉर्ड 11,19,25,347 किसानों को 2 हजार रुपये की किस्त मिली थी. उसके बाद से लगातार इसमें गिरावट देखने को मिल रही है. उसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 की दिसंबर से मार्च की किस्त का फायदा 11,14,92,275 किसानों को फायदा हुआ. उसके बाद आखिरी किस्त यानी 11वीं इंस्टॉलमेंट पाने वालों की संख्या 11 करोड़ से भी नीचे आ गई. यानी वित्त 2022-23 की अप्रैल से जुलाई वाली किस्त पाने वालों की संख्या 10,92,23,240 रही. जानकारों का कहना है कि इस बार इसमें और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
क्या Fixed Deposit में निवेश का आ गया सही समय? जानिये तीन साल की FD पर कितना मिल रहा है रिटर्न
क्यों आ रही है गिरावट
वास्तव में इस योजना का लाभ गरीब किसानों को दिया जाना था, लेकिन इस योजना के कई लाभार्थी ऐसे भी हो गए थे, जो इसके पात्रता में नहीं आते थे. जिसकी वजह से सरकार ने इसके नियमों को सख्त करना शुरू कर दिया. सरकार ने देश के सभी गांवों में वेरिफिकेशन को सख्त कर दिया. साथ ही ई-केवाईसी के भी अनिवार्स कर दिया. ताकि अपात्र लोगों की पहचान कर इस योजना से बाहर किया जा सके. जिसकी वजह से किसानों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है. वैसे सरकार ने ई-केवाईसी पूरा करने की लास्ट को फिर से बढ़ाते हुए 31 अगस्त कर दिया है.
किस किस्त में कितने किसानों को मिला लाभ
इंस्टॉलमेंट नंबर |
अवधि |
लाभार्थियों की संख्या |
1 |
वित्त वर्ष 2018-19 अप्रैल-जुलाई |
3,16,13,733 |
2 |
वित्त वर्ष 2019-20 अप्रैल-जुलाई |
6,63,57,773 |
3 |
वित्त वर्ष 2019-20 जुलाई-नवंबर |
8,76,29,583 |
4 |
वित्त वर्ष 2019-20 दिसंबर-मार्च |
8,96,27,176 |
5 |
वित्त वर्ष 2020-21 अप्रैल-जुलाई |
10,49,33,403 |
6 |
वित्त वर्ष 2020-21 जुलाई-नवंबर |
10,23,45,734 |
7 |
वित्त वर्ष 2020-21 दिसंबर-मार्च |
10,23,52,565 |
8 |
वित्त वर्ष 2021-22 अप्रैल-जुलाई |
11,16,34,160 |
9 |
वित्त वर्ष 2021-22 जुलाई-नवंबर |
11,19,25,347 |
10 |
वित्त वर्ष 2021-22 दिसंबर-मार्च |
11,14,92,275 |
11 |
वित्त वर्ष 2022-23 अप्रैल-जुलाई |
10,92,23,240 |
आधार और बैंक अकाउंट अकाउंट्स को करना चाहते हैं डीलिंक, यहां पढ़ें पूरा प्रोसेस
इन लोगों को नहीं मिलता पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ
- वो सभी सभी लोग जिनके पास इंस्टीट्यूशनल लैंड हैं.
- वो किसान जो पहले या मौजूदा समय में किसी किसी संवैधानिक पदों पर रह चुके हैं या हैं.
- पूर्व और वर्तमान मंत्री / राज्य मंत्री और लोकसभा / राज्य सभा / राज्य विधानसभाओं / राज्य विधान परिषदों के पूर्व / वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर, जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं.
- केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी केंद्रीय या राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और सरकार के तहत संलग्न कार्यालयों/स्वायत्त संस्थानों के साथ-साथ स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी/ग्रुप डी कर्मचारी को छोड़कर) इस योजना का लाभ नहीं मिलता है.
- सभी सेवारत/सेवानिवृत्त पेंशनर्स जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या अधिक है (मल्टी टास्किंग करने वाले कर्मचारी/क्लास-4वर्ग/ध्ग्रुप डी कर्मचारियों को छोड़कर) उपरोक्त श्रेणी के लोगों को लाभ नहीं मिलता है.
- पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले सभी व्यक्ति.
- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल बॉडीज के साथ रजिस्टर्ड हैं.
सरकार टैक्स रेट कम करने की बना रही है योजना, यहां जानें सबकुछ
पीएम-किसान योजना
- पीएम किसान भारत सरकार से 100 फीसदी फंडिंग के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना है.
- यह 1.12.2018 से चालू है.
- इस योजना के तहत सभी भूमि धारक किसान परिवारों को तीन समान किश्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की सहायता दी जाती है.
- योजना के लिए परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं.
- राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन उन किसान परिवारों की पहचान करता है जो योजना दिशानिर्देशों के अनुसार सहायता के लिए पात्र हैं.
- राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है.