डीएनए हिंदी: सरकार इस साल के बजट (Budget 2023) में पीएम-किसान योजना (PM-KISAN Scheme) के तहत किसानों को फसल इनपुट की खरीद के लिए मौजूदा 6,000 रुपये प्रति वर्ष दी जाने वाली नकद सहायता को बढ़ा सकती. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट में सरकार को एग्रीटेक स्टार्टअप्स को टैक्स इंसेंटिव्स देना चाहिए और एग्रोकेमिकल्स पर आयात शुल्क में कटौती करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र में AI (Artificial Intelligence), सटीक खेती और ड्रोन जैसी तकनीकों को तेजी से अपनाने के लिए किसानों के साथ-साथ एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए कुछ प्रोत्साहनों की घोषणा करने की भी जरुरत है.
तिलहन के तेल का उत्पादन
एडिबल ऑयल इंडस्ट्री निकाय एसईए (SEA) ने मांग की है कि तिलहन उत्पादन बढ़ाने और खाना पकाने के तेल के आयात को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाना चाहिए. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने कहा, 'तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ 'खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन' शुरू करने की तत्काल जरुरत है. मौजूदा समय में भारत सालाना करीब 140 लाख टन एडिबल ऑयल का आयात कर रहा है.
उन्होंने कहा कि मिशन को अगले पांच वर्षों के लिए सालाना 25,000 करोड़ रुपये के कंजम्पशन के साथ इम्प्लीमेंट करने की जरुरत है ताकि इम्पोर्टेड एडिबल ऑयल पर हमारी निर्भरता 2026 तक 65 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से खपत के 30-40 प्रतिशत तक कम हो सके.
किसानों को पीएम किसान योजना के तहत ज्यादा किस्त देने की जरुरत
एग्रोकेमिकल फर्म धानुका समूह के अध्यक्ष आर जी अग्रवाल ने कहा कि किसानों को पीएम-किसान (PM-KISAN) कार्यक्रम के तहत अधिक राशि दी जानी चाहिए ताकि वे पर्याप्त मात्रा में बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीद सकें.
PM-KISAN के तहत, केंद्र तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का भुगतान करता है. फरवरी 2019 में शुरू की गई इस योजना को दिसंबर 2018 से लागू किया गया था.
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