PM Kisan Yojana: 12वीं किस्त आने से पहले सरकार ने शुरू की किसानों के लैंड रिकॉर्ड की जांच, जानें क्या है पूरा मामला 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 02, 2022, 07:04 AM IST

PM Kisan Yojana Latest Update: सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन करने वाले सभी किसानों के लैंड रिकॉर्ड की मैपिंग करने का आदेश दिया है.  

डीएनए हिंदी: जहां एक ओर पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत किसानों को ईकेवाईसी कराने की आखिरी डेट 31 जुलाई बीत चुकी है, अब इस योजना से संबंधित एक ताजा अपडेट (PM Kisan Yojana Latest Update) सामने आया है. यह अपडेट लैंड रिकॉर्ड (Farmers Land Record) को लेकर है. आपको बता दें कि केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना के तहत भूमिधारक किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान की जाता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस योजना के तहत लेटेस्ट अपडेट क्या है. 

पीएम किसान योजना का नया अपडेट (PM Kisan Yojana Latest Update)
उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन करने वाले सभी किसानों के लैंड रिकॉर्ड की मैपिंग करने का आदेश दिया है. एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि जिला राजस्व एवं कृषि विभागों द्वारा प्रयागराज में 6.96 लाख किसानों के लैंड रिकॉर्ड का निरीक्षण शुरू हो चुका है.

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इतनों का हो चुका है सत्यापन
प्रयागराज के उप निदेशक (कृषि) वीके शर्मा ने कहा, कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन करने वाले सभी पात्र और अपात्र आवेदकों के भूमि अभिलेखों की मैपिंग के निर्देश प्राप्त हुए हैं. जिले में करीब 6.96 लाख किसान हैं. अब तक विभिन्न तहसीलों में 10 हजार से अधिक किसानों के भू-अभिलेखों का सत्यापन किया जा चुका है और शेष का भी प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है.

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6.45 लाख किसान पात्र पाए गए
अधिकारियों ने आगे बताया कि जब सरकार ने इस साल पीएम किसान योजना के तहत आवेदन स्वीकार करना शुरू किया, तो प्रयागराज सहित पूरे उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों ने इसके लिए आवेदन किया. अपात्र पाए गए लोगों के दस्तावेज खारिज कर दिए गए. प्रयागराज जिले में 6.45 लाख किसान पात्र पाए गए. उन्होंने कहा कि कई आवेदनों में खामियां पाई गईं जिनमें लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवेदन किया था. इसलिए इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में सभी किसानों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई है.

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फिजिकल वेरिफिकेशन होगा
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, प्रयागराज में कुल 6.96 लाख लोगों ने योजना के लिए पंजीकरण कराया था और इस तरह उनकी दर्ज की गई जमीन अब जांच के दायरे में है. अधिकारी ने कहा, "अभ्यास के हिस्से के रूप में, भूमि रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और इसके बाद आवेदक के दिए गए विवरण का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. फिलहाल जिस टीम को यह काम सौंपा गया है, उसे आवेदकों की वास्तविक स्थिति का ब्योरा देने को कहा गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार फैसला करेगी.

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