डीएनए हिंदी: सोचिये कभी आपने स्लीपर कोच का टिकट लिया और आपको बाद में थर्ड एसी में जगह मिल गई. अक्सर ऐसा कुछ यात्रियों के साथ देखा जाता है. आखिर क्या वजह है जो स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन के बाद एसी कोच में जगह मिल जाती है. दरअसल इसकी वजह ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम (Railway Auto Upgradation Scheme) की वजह से होता है.
क्या रेलवे ऑटो अपग्रेडेशन के लिए कोई शुल्क लगता है?
अब आप सोच रहे होंगे कि स्लीपर क्लास के टिकट पर जब ऑटो अपग्रेड होकर थर्ड एसी क्लास का मजा मिल रहा है तो क्या इसके लिए अलग से कोई शुल्क भी लगता है. तो हम बता दें कि इसके लिए रेलवे (IRCTC) कोई भी शुल्क नहीं लगाती है. यह रेलवे के नियम और शर्तों में ही होता है. अपग्रेडेशन के लिए आपको बॉक्स पर टिक लगाना होता है और इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लगता है.
लेकिन क्या इस स्कीम से रेलवे को कोई फायदा मिलता है? अगर नहीं तो रेलवे ने इस स्कीम को क्यों शुरू किया?
रेलवे ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम क्या होता है?
रेलवे ऑटो अपग्रेडेशन के तहत जब कोई यात्री स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन लेता है तो उसके टिकट को अपग्रेड करके थर्ड एसी में अपग्रेड कर दिया जाता है. हालांकि यह अपग्रेडेशन तभी होता है जब संबंधित क्लास में बर्थ मौजूद हो.
रेलवे ने क्यों शुरू किया अपग्रेडेशन स्कीम?
दरअसल कई बार रेलवे की थर्ड क्लास एसी या सेकंड क्लास एसी कोच में बर्थ खाली रह जाते हैं. इसकी वजह महंगा किराया है. हालांकि इन बर्थ के खाली रहने से रेल्वे को नुकसान उठाना पड़ रहा था जिसके बाद भारतीय रेलवे ने यह सेवा सोच-समझकर शुरू की.
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