डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर के एक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस बैंक का नाम यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ( United India Co-operative Bank) है. केंद्रीय बैंक ने इसके बैंकिंग बिजनेस पर बैन लगाते हुए कमिश्नर और सहकारी रजिस्ट्रार को इस बैंक को बंद करने का आदेश दिया है.
खत्म है पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं
लाइसेंस कैंसिलेशन की ये कारर्वाई DICGC के बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के तहत ली गई है. इसके बाद RBI ने UP Commissioner और को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने के साथ-साथ एक परिसमापक (Liquidator) नियुक्त करने का आदेश भी दिया था. जिसमें आरबीआई ने बताया है कि वर्तमान समय में इस सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनएं खत्म हो गई है. इस वजह से इसका लाइसेंस रद्द करना पड़ा.
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हो गई सभी सेवाएं बंद
आरबीआई ने जानकारी दी है कि यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड Banking Regulation Act, 1949 की धारा-56 के साथ, धारा 11(1) और धारा 22 (3) (D) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रह था. बता दें कि इस बैंक की सभी सेवाएं तत्काल प्रभाव से 19 जुलाई 2023 से प्रतिबंधित कर दी गई है. 14 जुलाई को केंद्रीय बैंक के द्वारा इसे बंद करने का ऑर्डर दिया गया था. बैन की गई सभी सेवाओं में पैसा जमा करने से लेकर रिपेमेंट तक सभी सेवाएं शामिल है.
5 लाख रुपये के जमा राशि की मांग
मीडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने अपने आदेश में बताया है कि इस बैंक के 99.98 फीसदी जमाकर्ता DICGC के द्वारा अपनी पूरी जमा राशि की मांग कर सकते है. इसके अलावा लिक्विडेशन के मुताबिक, सभी जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम के द्वारा 5 लाख रुपये की मॉनेटरी लिमिट तक अपनी जमा राशि का दावा कर अपनी रकम की मांग कर सकते है.
लाइसेंस कैंसिल करने का मुख्य कारण
आरबीआई के द्वारा इस बैंक का लाइसेंस इसलिए कैंसिल किया गया है क्योंकि इस बैंक के पास वर्तमान समय में अपने ग्राहकों या जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि के भुगतान के लिए वित्तिय रूप से असमर्थ था.
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