RBI की मौद्रिक नीति की बैठक हुई शुरू, 8 जून को आरबीआई पॉलिसी रेट पर सुनाएगा निर्णय

Written By नेहा दुबे | Updated: Jun 07, 2023, 10:24 AM IST

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RBI Monetary Policy Meeting शुरू हो चुकी है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास 8 जून को इसपर फैसला सुनायेंगे.

डीएनए हिंदी: रिज़र्व बैंक (Reserve Bank) की दर-सेटिंग मौद्रिक नीति पैनल ने मंगलवार को इस उम्मीद के बीच विचार-विमर्श शुरू किया कि केंद्रीय बैंक रिटेल मुद्रास्फीति (Retail Inflation) को कम करने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता के कारण बेंचमार्क ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखेगा.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Reserve Bank Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) तीन दिनों तक चलेगी और इस फैसले की घोषणा गुरुवार 8 जून को की जाएगी.

अप्रैल में पिछली एमपीसी बैठक (MPC meeting) के बाद, आरबीआई (RBI) ने अपने दर वृद्धि चक्र को रोक दिया और 6.5 प्रतिशत रेपो दर पर कायम रखा है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति को थामने के लिए मई 2022 से रेपो रेट में संचयी रूप से 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी.

अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य आधारित (CPI) मुद्रास्फीति के 18 महीने के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आने की पृष्ठभूमि में एमपीसी की बैठक हो रही है. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने हाल ही में संकेत दिया था कि मई प्रिंट अप्रैल संख्या से कम होगा. मई के लिए सीपीआई (CPI) की घोषणा 12 जून को होने वाली है.

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एमपीसी से उम्मीदों पर डेलॉइट इंडिया के इकोनॉमिस्ट, रुम्की मजुमदार ने कहा: "हम इस बैठक में एक ठहराव की उम्मीद करते हैं क्योंकि विकास की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के साथ, ऐसे जोखिम हैं कि मंदी का संक्रमण हमें प्रभावित कर सकता है."

हाउसिंग डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई से उम्मीद की जा रही है कि वह अपनी बेंचमार्क लेंडिंग रेट को अपरिवर्तित रखेगी, जो महंगाई की चिंता को कम कर सकती है.

उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा हासिल की गई 7.2 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी विकास दर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में इसकी उल्लेखनीय लचीलापन दर्शाती है.

निर्माण, व्यापार और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स में पर्याप्त दो अंकों का विस्तार देखा गया. उन्होंने कहा कि ये संख्याएं रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए भी शुभ संकेत हैं, क्योंकि सरकार इसके विकास को प्रोत्साहित करने के लिए समर्थन प्रदान करना जारी रखे हुए है.

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सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) (Signature Global (India)) के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने भी कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखने की संभावना है.

एक्सपर्ट्स ने कहा कि आरबीआई द्वारा किए गए वास्तविक निर्णय, आर्थिक आंकड़ों, महंगाई के रुझान, वैश्विक आर्थिक स्थितियों और मौजूदा चुनौतियों सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करेंगे.

सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया है कि सीपीआई मुद्रास्फीति (CPI Inflation) दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर रहे.

बता दें कि एमपीसी के अन्य सदस्य हैं: शशांक भिडे (मानद वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली); आशिमा गोयल (एमेरिटस प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च, मुंबई); जयंत आर वर्मा (प्रोफेसर, भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद); राजीव रंजन (कार्यकारी निदेशक, आरबीआई); और माइकल देबब्रत पात्रा (डिप्टी गवर्नर, आरबीआई).

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