रिवाइज्ड, बिलेटिड और अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न, जानें इन तीनों बीच क्या है अंतर?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 18, 2022, 08:29 AM IST

यदि आपने पहले ही अपना आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल कर दिया है, लेकिन किसी भी गलती का पता चला है या किसी आय की रिपोर्ट करने से चूक गए हैं, तो आप रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) दाखिल कर सकते हैं. यदि आपने अभी तक वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो आप बिलेटिड रिटर्न (Belated Return) दाखिल कर सकते हैं. अगर आप अपने पुराने रिटर्न को अपडेट (Updated Return) करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं.

डीएनए हिंदी: वित्तीय वर्ष 2021-22 (असेसमेंट वर्ष 2022-23) में अर्जित आय के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बीत चुकी है. लेकिन आप अभी भी कुछ मामलों में अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि आपने पहले ही अपना आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल कर दिया है, लेकिन किसी भी गलती का पता चला है या किसी आय की रिपोर्ट करने से चूक गए हैं, तो आप रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) दाखिल कर सकते हैं. यदि आपने अभी तक वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो आप बिलेटिड रिटर्न (Belated Return) दाखिल कर सकते हैं. अगर आप अपने पुराने रिटर्न को अपडेट (Updated Return) करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं. अगर आप अपने पुराने रिटर्न को अपडेट करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं. लेकिन इसके साथ जुर्माने और सीमाएं जुड़ी हुई हैं, तो आइए और पढ़ें. 

रिवाइज्ड रिटर्न
यदि आपने पहले ही अपना रिटर्न दाखिल कर दिया है, लेकिन बाद में महसूस किया कि आपने कोई त्रुटि, चूक या कोई गलत विवरण दिया है, तो आपको निर्धारित समय सीमा के भीतर रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करके रिटर्न को संशोधित करना चाहिए. टैक्स ई-फाइलिंग और अनुपालन प्रबंधन पोर्टल टैक्समैनेजर डॉट इन के मुख्य कार्यकारी दीपक जैन ने कहा, ‘यह रिटर्न रेलेवेंट असेसमेंट ईयर की समाप्ति से तीन महीने पहले या मूल्यांकन पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, दाखिल किया जा सकता है.‘ इसका मतलब है कि आप वर्ष 2022-23 के लिए 31 दिसंबर, 2022 रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.

जरूरत पड़ने पर आप टैक्स रिटर्न को रिवाइज करते हुए आईटीआर फॉर्म को भी बदल सकते हैं. “विभाग द्वारा वास्तविक गलतियों को रिवाइज करने के लिए कोई जुर्माना नहीं लगाया जा सकता है. प्रत्येक रिवाइज्ड रिटर्न के तहत धारा 234बी और 234सी के तहत ब्याज का रीकैलकुलेशन किया जाएगा. रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने से पहले, टैक्सपेयर को यह सुनिश्चित करना होगा कि मूल रिटर्न वेरिफाई हुआ या नहीं. आप कितनी बार रिटर्न को संशोधित कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है, लेकिन याद रखें कि यदि मूल रिटर्न पेपर प्रारूप में या मैन्युअल रूप से दायर किया गया था, तो तकनीकी रूप से इसे ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिवाइज्ड नहीं किया जा सकता है.

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बिलेटिड रिटर्न 
नियत तारीखों के भीतर दाखिल वैध रिटर्न को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(1) के तहत मूल रिटर्न कहा जाता है. निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए आपकी रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख 31 जुलाई, 2022 थी. जानकार कहते हैं कि एक असेसी जो अधिनियम में निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना रिटर्न दाखिल नहीं करता है, लेकिन नियत तारीख के बाद रिटर्न दाखिल करता है, उसे अधिनियम की धारा 139 (4) के तहत बिलेटिड रिटर्न कहा जाता है. 

रेलेवेंट असेसमेंट ईयर की समाप्ति से तीन महीने पहले तक एक बिलेटिड रिटर्न दाखिल किया जा सकता है. इसलिए, 31 जुलाई, 2022 के बाद लेकिन 31 दिसंबर, 2022 से पहले एवाई 2022-23 के लिए दाखिल किया गया कोई भी रिटर्न बिलेटिड रिटर्न माना जाएगा. देरी से रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है. धारा 234 एफ के अनुसार, ड्यू डेट के बाद रिटर्न प्रस्तुत करने पर 5,000 रुपये की विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा. हालांकि, भुगतान की जाने वाली लेट फाइलिंग फीस की राशि 1,000 रुपये होगी यदि व्यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है. यदि आप स्वेच्छा से रिटर्न दाखिल कर रहे हैं और अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है, तो नियत तारीख के बाद भी कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा. ऐसे मामलों में, यदि आप अभी भी रिटर्न दाखिल करते हैं, तो नियत तारीख के बाद भी, आपको कोई जुर्माना नहीं देना होगा.

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अपडेट किया गया रिटर्न
वित्त अधिनियम 2022 ने अपडेटिड रिटर्न दाखिल करने में सक्षम बनाने के लिए धारा 139 में उप-धारा (8ए) को सम्मिलित किया है. इस खंड के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा एक अपडेटिड रिटर्न दाखिल किया जा सकता है, भले ही ऐसे व्यक्ति ने रेलेवेंट असेसमेंट ईयर के लिए मूल, बिलेटिड या रिवाइज्ड रिटर्न पहले ही दाखिल कर दिया हो या नहीं (कुछ शर्तों के अधीन). जानकारों की मानें तो अपडेटिड रिटर्न दाखिल करने के उद्देश्य से, सरकार ने टैक्यपेयर्स के लिए ‘अपडेटेड रिटर्न‘ नामक एक नई आयकर रिटर्न-फाइलिंग सुविधा शुरू की है, जो वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसे दाखिल करना चाहते हैं.‘ हालांकि, अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. आपको इस तरह के टैक्स और ब्याज की अतिरिक्त 50 प्रतिशत राशि के साथ ड्यू टैक्स और ब्याज का भुगतान करना होगा. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फाइल करने के इच्छुक लोगों के लिए, अतिरिक्त राशि ड्यू टैक्स और ब्याज का 25 प्रतिशत देना होगा. अपडेटिड आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए एक अलग आईटीआर फॉर्म- आईटीआर फॉर्म यू है.

आपको अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने के पीछे के कारण का भी उल्लेख करना होगा. क्या आपने पहले आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया था, यदि आप ऐसी आय की रिपोर्ट करना चाहते हैं जो पहले सही ढंग से रिपोर्ट नहीं की गई थी, यदि आपने मूल रिटर्न में गलत आय स्लैब चुना था जो आपने पहले दायर किया था, चाहे आप अग्रेषित हानियों या अनवशोषित मूल्यह्रास को कम करना, या आप कर क्रेडिट को कम करना चाहते हैं, या गलत कर दर, या किसी अन्य के आधार पर रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं.

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