डीएनए हिंदी: सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा ग्रुप के निवेशकों का पैसा नहीं मिलना तय नहीं है. सुब्रत रॉय के निधन से सहारा समूह की दिवालिया प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आएगा. सहारा समूह के पास अभी भी 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. इस संपत्ति से निवेशकों को अपना पैसा वापस मिल सकता है.
हालांकि, यह भी संभव है कि सहारा समूह की संपत्ति निवेशकों को पूरा पैसा वापस देने के लिए पर्याप्त न हो. इस स्थिति में, निवेशकों को अपना पैसा आंशिक रूप से या पूरी तरह से नहीं मिल सकता है.
सहारा समूह के निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने के लिए ये कदम उठाने चाहिए:
- सहारा रिफंड पोर्टल पर अपना आवेदन करें.
- सहारा ग्रुप के खिलाफ दायर सभी मुकदमों में पक्षकार बनें.
- सहारा ग्रुप की संपत्ति पर नजर रखें.
- सहारा ग्रुप के निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह एक लंबी प्रक्रिया है और उन्हें धैर्य रखना होगा.
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सहारा ग्रुप कैसे दिवालिया हुई? आइये जानते हैं वजह:
- SEBI का जुर्माना: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 2012 में सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SCIL) पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया. SEBI ने आरोप लगाया कि SCIL ने गैरकानूनी रूप से छोटी बचत योजनाओं को बढ़ावा दिया है. इस जुर्माने से सहारा समूह की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई.
- अन्य मुकदमे: सहारा समूह पर कई अन्य मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. इन मुकदमों में सहारा समूह ने बड़ी राशि खर्च की.
गलत वित्तीय नीतियां: सहारा समूह ने कई गलत वित्तीय नीतियां अपनाईं. इनमें ये शामिल हैं:
- सहारा समूह ने अपने निवेशकों को उच्च ब्याज दरें देने का वादा किया. इस वादे को पूरा करने के लिए, कंपनी को अधिक कर्ज लेना पड़ा.
- सहारा समूह ने अपनी संपत्ति को बेचकर पैसा जुटाने की कोशिश की. लेकिन कंपनी ने अपनी संपत्ति को कम कीमत पर बेचा.
इन सभी वजहों से सहारा समूह कर्ज में डूब गया और दिवालिया हो गया.
सहारा समूह की दिवालिया होने से लाखों लोगों को नुकसान हुआ है. कंपनी के कर्मचारियों, निवेशकों और अन्य लोगों को अपना पैसा वापस नहीं मिला है.
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