डीएनए हिंदी: हाल ही में मोदी सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-आधारित संचार साथी पोर्टल (Sanchar Saathi Portal) का अनावरण किया है, जिसका उद्देश्य दूरसंचार उपयोगकर्ताओं की पहचान की सुरक्षा करना, केवाईसी (kyc) धोखाधड़ी पर नकेल कसना और चोरी हुए मोबाइल फोन के दुरुपयोग को रोकना है. यह गेम-चेंजिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल यूजर्स को उनके चोरी हुए उपकरणों के ठिकाने को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है, भले ही सिम कार्ड को बदल दिया गया हो.
दूरसंचार धोखाधड़ी से निपटने में बड़ी राहत
दूरसंचार यूजर्स की सुरक्षा को बढ़ाने और डिजिटल इंडिया (Digital India) मिशन को आगे बढ़ाने के लिए मंच तैयार करते हुए आईटी, दूरसंचार और रेलवे के सम्मानित मंत्री अश्विनी वैष्णव (Minister of IT, Telecom, and Railways, Ashwini Vaishnav) ने उद्योग के लिए तीन महत्वपूर्ण सुधारों की शुरुआत की है. गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने के लिए पहला, सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) लागू किया गया है. इसके अलावा, अपने मोबाइल कनेक्शन को जानें यूजर्स को उनके नाम के तहत रजिस्टर्ड मोबाइल कनेक्शन की संख्या का पता लगाने की अनुमति देता है. अंत में, टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन फर्जी मोबाइल ग्राहकों का पता लगाने में एक शक्तिशाली हथियार के रूप में काम करता है.
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3.6 मिलियन नकली मोबाइल कनेक्शन बंद हुए
अपनी पहचान सुरक्षित रखने के नागरिकों के मौलिक अधिकार को रेखांकित करते हुए, अश्विनी वैष्णव ने अनधिकृत व्यक्तियों को दूसरों के नाम पर मोबाइल कनेक्शन प्राप्त करने से रोकने की जरुरत पर बल दिया है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर देश के किसी भी हिस्से में झूठे बहाने से खरीदे गए मोबाइल फोन का प्रभावी ढंग से पता लगाया जा सकता है. मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उदाहरण के लिए, जामताड़ा (Jamtara) में यदि कोई आपके नाम से कनेक्शन प्राप्त करता है, तो आपके पास उसे तुरंत ब्लॉक करने की क्षमता होगी.
पहचान की चोरी, केवाईसी हेरफेर और बैंकिंग घोटालों सहित मोबाइल फोन के जरिए होने वाली असंख्य धोखाधड़ी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल को ऐसी अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक दुर्जेय हथियार के रूप में रेखांकित किया है. टेलीकॉम बिल के मसौदे के भीतर यूजर्स सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व पर जोर देते हुए, दूरसंचार मंत्री ने खुलासा किया कि संचार साथी पोर्टल ने सफलतापूर्वक 4 मिलियन नकली मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाया है, जिससे उनमें से 3.6 मिलियन बंद हो गए हैं. यूजर्स से आग्रह करते हुए, उन्होंने उनसे आधिकारिक पोर्टल https://sancharsaathi.gov.in पर जाने का आग्रह किया.
पारदर्शिता के साथ यूजर्स को सशक्त बनाने की मुहीम
दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित, अभूतपूर्व संचार साथी पोर्टल मोबाइल फोन यूजर्स को अद्वितीय पारदर्शिता प्रदान करता है. व्यक्ति अब अपने नाम के तहत जारी किए गए मोबाइल कनेक्शनों की संख्या का पता लगाने में सक्षम होंगे, जिससे किसी भी धोखाधड़ी वाले खातों की पहचान हो सकेगी. ऐसे फर्जी कनेक्शनों की तुरंत सूचना देना और अनावश्यक कनेक्शनों को बंद करने का विकल्प यूजर्स की उंगलियों पर होगा. इसके अलावा, यह क्रांतिकारी मंच यूजर्स को उनके चोरी या खोए हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने और यहां तक कि उनके उपकरणों की IMEI वैधता को सत्यापित करने का अधिकार देता है.
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