डीएनए हिंदी: अक्सर आपने देखा होगा कि किसान बरसात के सीजन में 3 तरह की सब्जियों की ही खेती करते हैं. इसमें बेल वाली सब्जियां, खड़ी फसल की सब्जियां और जमीन के अंदर होने वाली सब्जियां शामिल हैं. इन सब्जियों के अलावा भी आप फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा, बैगन, लौकी, करेला, पालक, भिंडी, प्याज, मिर्च और मूली जैसी बहुत सी सब्जियों की खेती कर सकते हैं.
भारत में मानसून सीजन जून से लेकर अगस्त तक होता है या कभी-कभी सितंबर तक भी हो सकता है. ऐसे में कई सब्जियों की नर्सरी भी तैयार की जाती है और कुछ सब्जियों के बीजों को सीधा खेतों में भी बोया जाता है.
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अगर आप मानसून में सब्जी की खेती करते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे टमाटर, मिर्च, तोरी, लौकी, प्याज आदि ऐसी सब्जियां हैं जो सीधे पौधे से उगाई जाती है. अगर आप पौधे को स्वस्थ रखना चाहते है तो आपके खेत की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ और उर्वरक होने चाहिए. इसके साथ ही अपनी नर्सरी तैयार करने के लिए आपको ऐसी जगह ढूंढना चाहिए जहां बरसात का पानी रुकता न हो. इसके अलावा, आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बारिश के पानी से आपके पौधों में वायरस रोग और कीट ना लगें.
आप जानते ही होंगे कि बरसात के मौसम में सब्जियों की कीमत काफी बढ़ जाती है. ऐसे में अगर आप सब्जी की खेती करते हैं तो इससे आपकी अच्छी खासी इनकम होगी.
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