Sahara Group का चलता था कभी राजनीती से लेकर बॉलीवुड तक पर सिक्का, फिर क्यों डूब गई कंपनी?

Written By नेहा दुबे | Updated: Nov 15, 2023, 06:50 PM IST

subrata roy

Sahara Group की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. 1992 में शुरू हुई ये कंपनी सरकारी नौकरियों के बाद नौकरियां देने वाली दूसरी सबसे बड़ी सबसे कंपनी बन गई. लेकिन इसकी तबाही भी उतनी ही तेजी के साथ आई.

डीएनए हिंदी: कभी राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक सहारा (Sahara Group) का सिक्का चलता था. सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत राय ने एक समय में 14 लाख लोगों को नौकरी दी थी. लेकिन आज सब कुछ खत्म हो गया है. सहारा समूह पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और कंपनी दिवालिया हो गई है.

सहारा समूह (Sahara Group) की शुरुआत 1992 में हुई थी. सुब्रत राय ने सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SCIL) की स्थापना की और जल्द ही यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी निवेश कंपनी बन गई. SCIL ने छोटी बचत योजनाओं, जीवन बीमा और अन्य वित्तीय उत्पादों की पेशकश शुरू की.

सहारा समूह ने जल्द ही अपनी पहुंच बढ़ानी शुरू कर दी. कंपनी ने राजनीति, खेल और बॉलीवुड में भी निवेश किया. सहारा समूह ने भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को भी समर्थन दिया.

सहारा समूह ने 2007 में सहारा इंडिया प्रीमियर लीग (SIPL) की स्थापना की. यह एक फ्रेंचाइजी क्रिकेट लीग थी जिसमें भारत के कई प्रमुख क्रिकेटरों ने भाग लिया. सहारा समूह ने बॉलीवुड फिल्मों में भी निवेश किया.

सहारा समूह की सफलता ने सुब्रत राय को भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक बना दिया. 2008 में, फोर्ब्स ने सुब्रत राय को भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में लिस्टिंग किया.

यह भी पढ़ें:  Mahadev Betting App Scam में डाबर चेयरमैन का कैसे आया नाम, जानें पूरी गणित

लेकिन सहारा समूह की सफलता ज्यादा दिन नहीं चली. 2012 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने SCIL पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया. SEBI ने आरोप लगाया कि SCIL ने गैरकानूनी रूप से छोटी बचत योजनाओं को बढ़ावा दिया है.

इसके बाद से, सहारा समूह पर कई अन्य मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 2018 में, सुब्रत राय को भारत के कई शहरों में गिरफ्तार किया गया था.

सहारा समूह की दिवालिया होने की कई वजहें हैं. इनमें SEBI का जुर्माना, अन्य मुकदमे और कंपनी की गलत वित्तीय नीतियों शामिल हैं.

सहारा समूह की दिवालिया होने से लाखों लोगों को नुकसान हुआ है. कंपनी के कर्मचारियों, निवेशकों और अन्य लोगों को अपना पैसा वापस नहीं मिला है.

सहारा समूह की कहानी एक चेतावनी है कि किसी भी निवेश कंपनी पर भरोसा करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.