Tata Motors Passenger Vehicles: 1 मई से टाटा की कारें हो जाएंगी महंगी, जानिए आपकी जेब पर कितना पड़ेगा बोझ

Written By नेहा दुबे | Updated: Apr 15, 2023, 07:08 AM IST

Tata Motors Passenger Vehicles

Tata Motors ने पैसेंजर व्हीकल्स को लेकर एक बड़ी घोषणा कर दी है. इस घोषणा के मुताबिक 1 मई से टाटा की कारों की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी.

डीएनए हिंदी: भारतीय वाहन निर्माता टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने कल यानी 14 अप्रैल 2023 को घोषणा की कि वह 1 मई 2023 से अपने यात्री वाहनों (पैसेंजर व्हीकल्स) की कीमतें बढ़ाने जा रहा है. कंपनी ने एक्सचेंजों को बताया कि वेरिएंट और मॉडल के आधार पर मार्जिनल प्राइस हाइक लगभग 0.6 फीसदी का वेटेड एवरेज होगा.

 टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल्स की कीमतों में क्यों हो रही है बढ़ोतरी

कीमतों में बढ़ोतरी इसलिए हुई है क्योंकि टाटा मोटर्स ने नियामक परिवर्तनों और समग्र इनपुट लागतों में वृद्धि के कारण बढ़ी हुई लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इस्तेमाल कर लिया है. कंपनी के मुताबिक, इस वृद्धि के जरिए बढ़ी हुई लागतों के "कुछ अनुपात को पारित करने के लिए मजबूर" किया गया है.

2023 में यह दूसरी बार है जब टाटा मोटर्स ने कीमतों में वृद्धि की है. इससे पहले  बढ़ती इनपुट लागत और नियामक परिवर्तनों के कारण जनवरी में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

बढ़ते इनपुट और विनियामक परिवर्तनों के अलावा, इस महीने की शुरुआत में भारत स्टेज VI मानदंडों (Bharat Stage VI) के इम्प्लीमेंटेशन से भारत में सभी खंडों में वाहनों की लागत में वृद्धि हुई है. सरकार के शासनादेश के मुताबिक वाहन निर्माताओं को उत्सर्जन की निगरानी के लिए अपने वाहनों को एक विशेष उपकरण से लैस करना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप अतिरिक्त खर्च होता है. इसने टाटा मोटर्स जैसे कार निर्माताओं को बढ़ती लागत और नियामक परिवर्तनों के कारण अपने यात्री वाहनों की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर किया है.

2022-23 वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा कारों की हुई बिक्री

31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में, भारत ने यात्री कारों की अपनी अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की, यहां तक ​​कि साल भर में कई बार कीमतों में बढ़ोतरी भी हुई.

स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (SUVs) की मांग में वृद्धि बिक्री में उछाल के पीछे मुख्य वजह थी. टाटा मोटर्स की पंच (Tata Motor’s Punch) और नेक्सन एसयूवी (Nexon SUVs) 2022 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में से थीं, जिन्होंने ऑटोमेकर की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के मुताबिक, भारत में ऑटो की बिक्री चालू वित्त वर्ष में लो सिंगल डिजिट के प्रतिशत तक धीमी होने का अनुमान है. मुद्रास्फीति (Inflation), वाहन निर्माताओं द्वारा हाल ही में मूल्य वृद्धि, नियामक परिवर्तन आदि कार की बिक्री में मंदी की वजह बन सकती हैं. यह भविष्यवाणी पिछले वित्तीय वर्ष में हासिल किए गए उच्च बिक्री आंकड़ों के विपरीत है, जो टाटा मोटर्स के नेक्सॉन और पंच मॉडल जैसी बड़ी एसयूवी की मजबूत मांग से उत्साहित थे.

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