डीएनए हिंदी: भारत में टमाटर की कीमतों में पिछले महीने से लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. पिछले महीने तक टमाटर की कीमतें 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं, लेकिन अब यह कीमतें 5 रुपये प्रति किलो तक गिर गई हैं. जहां टमाटर की उंची कीमतों ने किसानों को अमीर बना दिया था वहीं अब इसकी गिरती कीमत ने किसानों को बेहाल कर रखा है.
टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव
टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कई कारण हैं. इसमें भारी बारिश, फसल की खराबी और मंडी में अधिक आवक शामिल हैं. भारी बारिश के कारण कई जगहों पर टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, कुछ जगहों पर फसल की खराबी भी हुई है. इन सब वजहों से टमाटर की आपूर्ति कम हो गई है, जिससे कीमतों में उछाल आया.
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हाल ही में, सरकार ने टमाटर की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय किए हैं. इनमें टमाटर के आयात को बढ़ावा देना और राज्यों को टमाटर की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा जाना शामिल है. इन उपायों के कारण टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है.
टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. जब टमाटर की कीमतें अधिक होती हैं, तो किसान अच्छी कमाई कर पाते हैं. लेकिन जब कीमतें कम होती हैं, तो किसान को नुकसान होता है. इस बार, टमाटर की कीमतों में अचानक गिरावट आने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
किसानों का कहना है कि सरकार को टमाटर की कीमतों को स्थिर करने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए. इसके लिए सरकार को टमाटर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी देनी चाहिए. इसके अलावा, सरकार को टमाटर की निर्यात पर रोक लगानी चाहिए. इन उपायों से टमाटर की कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी.
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