Tomato Price Hike: अभी और महंगा होगा टमाटर, क्यों नहीं कीमत में आएगी गिरावट?

Written By नेहा दुबे | Updated: Jul 11, 2023, 09:31 AM IST

Tomato Price Hike

Tomato Price Hike: टमाटर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आजादपुर मंडी के थोक व्यापारियों का कहना है कि आने वाले समय में टमाटर की कीमतों में कोई कमी नहीं आएगी.

डीएनए हिंदी: टमाटर की बढ़ती कीमतों (Tomato Price Hike) ने लोगों को परेशान कर रखा है. इस समय टमाटर 160 से 180 रुपये प्रतिकिलो के रेट से बिक रहा है. इस महंगाई के चलते टमाटर लोगों के किचन से गायब हो गया है. थोक व्यापारियों का कहना है कि अभी टमाटर की कीमतों में कमी होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रहा है. इन हालातों में लोगों को बिना टमाटर के सब्जी खाने की आदत डाल लेनी चाहिए.

बता दें कि पिछले साल भी जून में बारिश के कारण टमाटर की फसल खराब होने से टमाटर के दामों में उछाल आया था. पिछले साल थोक मार्केट में टमाटर की कीमत लगभग 40 से 60 रुपये था. वहीं खुदरा बाजारों में टमाटर लगभग 80-100 रुपये के रेट से बिका था. लेकिन इस बार टमाटर अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर बहुत आगे निकल गया है. 

दिल्ली के आजादपुर मंडी के एक थोक व्यापारी ने बताया कि टमाटर की कीमतें पिछले छह महीने से सामान्य स्तर पर बनी हुई थी. पिछले महीने यानी जून में इंदौर, गुजरात और हरियाणा के थोक बाजारों में टमाटर लगभग 3 से 7 रुपये प्रतिकिलो के रेट से बिक रहा था. जबकि किसानों की मूल लागत इससे ज्यादा थी. ऐसे में किसानों ने टमाटर (Tomato Price) की फसल को खेतों में ही खराब होने के लिए छोड़ दिया और दूसरे सीजन की टमाटर की खेती भी नहीं की जिस वजह से टमाटर के पुराने स्टॉक को बाजार में उतारा गया. इस वजह से टमाटर की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है.

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थोक व्यापारियों कि मानें तो इस समय टमाटर की सप्लाई पूरे भारत में है लेकिन हिमाचल प्रदेश से आने वाला टमाटर भी इस समय खत्म होने वाला है. अब बंगलुरु से टमाटर आने वाला है. लेकिन डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम है जिस वजह पूरे उत्तर भारत के दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी में टमाटर की कीमते इतनी बढ़ गई है.

थोक व्यापारियों का कहना है कि बंगलुरु के बाद अब सोलापुर, पीपल गांव, नारायण गांव से टमाटर आ सकता है. लेकिन इस फसल के आने में अभी एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है. इस स्थिति को देखते हुए व्यापारियों का मानना है कि टमाटर की नई फसल आने के बाद  ही टमाटर की कीमतों में कमी की उम्मीद की जा सकती है.

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