Union Budget 2023: क्या होता है कंटीन्जेंसी फंड, कैसे होता है इसका इस्तेमाल?

नेहा दुबे | Updated:Jan 18, 2023, 02:33 PM IST

Union Budget 2023

Union Budget 2023: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. बजट के ऐसे बहुत से शब्द होते हैं जिनके बारे में हमें नहीं पता होता है.

डीएनए हिंदी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश करेंगी. उच्च GDP सुनिश्चित करने के लिए सरकार से कैपेक्स, बुनियादी ढांचा निर्माण और आयात प्रतिस्थापन का समर्थन करने की उम्मीद है. ऐसे समय में जब देश केंद्रीय बजट 2023 के बारे में बात कर रहा है, तो यहां हम एक ऐसे बजटीय शब्द के बारे में बताएंगे जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं. यह शब्द है कंटीन्जेंसी फंड. 

Union Budget 2023: आकस्मिक निधि (Contingency Fund) क्या है?

सरल शब्दों में कंटीन्जेंसी फंड भविष्य के संभावित अप्रत्याशित खर्चों को कवर करने के लिए अलग रखा गया धन है. भारत की कंटीन्जेंसी फंड भारतीय संविधान के अनुच्छेद 267(1) के तहत स्थापित की गई है.

भारत की कंटीन्जेंसी फंड का इस्तेमाल राष्ट्र में संकट के समय किया जाता है - उदाहरण के लिए, एक प्राकृतिक आपदा - और इससे निपटने के लिए धन की आवश्यकता होती है. भारत सरकार ने बजट 2021-22 (Budget 2021-22) में फाइनेंस बिल के माध्यम से भारत की कंटीन्जेंसी फंड को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया था.

Union Budget 2023: कैसे बढ़ाई जा सकती है कंटीन्जेंसी फंड की राशि?

जब संसद सत्र चल रहा हो तो केंद्र सरकार एक फाइनेंस बिल के जरिए कंटीन्जेंसी फंड में वृद्धि कर सकती है. भारत की कंटीन्जेंसी फंड अधिनियम, 1950 के संदर्भ में, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव के अनुमोदन से निधि से निकासी की जाती है.

Union Budget 2023: राज्यों की कंटीन्जेंसी फंड

भारतीय राज्यों की अपनी कंटीन्जेंसी फंड भी हो सकती है. केंद्र सरकार की कंटीन्जेंसी फंड भारत के राष्ट्रपति के नियंत्रण में होती है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनुरोध पर धन जारी करता है, जिसे बाद में संसद से स्वीकृति मिल जाती है. इस संबंध में संसद की मंजूरी अनिवार्य है.

इसके अलावा, भारत की कंटीन्जेंसी फंड के लिए खर्च करने के मानदंडों को कुल कोष का 40% व्यय सचिव के निपटान में रखने की अनुमति देने के लिए बदल दिया गया था. इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी की गई: "फंड कॉर्पस के 40 प्रतिशत के बराबर राशि सचिव, वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग के निपटान में अप्रत्याशित व्यय को पूरा करने के उद्देश्य से रखी जाएगी, और इस सीमा से परे, सभी भारत सरकार के व्यय विभाग के सचिव के अनुमोदन के बाद भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव के अनुमोदन से और आकस्मिकता निधि जारी की जाएगी."

जब आपातकाल से निपटा जाता है, तो फंड की पूरी क्षमता से रिइम्बर्सड की जाती है. यह आवश्यक धन भारत के कंसोलिडेटेड फंड (Consolidated Fund) से आता है.

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