डीएनए हिंदी: आज के दौर में लेन- देन बहुत आसान हो गया है. पिछले कुछ सालों से लोगों में ऑनलाइन या UPI पेमेंट करने का चलन बढ़ा है. लोग अब बहुत ही आसानी से चंद सेकंड में एक क्यूआर कोड स्कैन करके या अपना मोबाइल नंबर इंटर करके पैसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेज देते हैं. UPI पेमेंट हमारे रोजाना के जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है. चाहे किसी से पैसे मंगाने हो, देने हों, शॉपिंग करनी हों या फिर अपनी यात्रा के लिए टिकट बुक करनी हो सबके पेमेंट के लिए हम यूपीआई पेमेंट का ही इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि एक आंकड़े के मुताबिक, मार्च 2023 में यूपीआई के द्वारा कुल 73 फीसदी तक का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 30 मई 2023 के एक रिपोर्ट और नेशनल पेमेंट्स कॉर्प ऑफ इंडिया (NPCI) के UPI ट्रांजैक्शन डेटा के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023 में कुल 139.2 ट्रिलियन रुपये का UPI ट्रांजैक्शन हुआ है. द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक 2022- 27 हेडिंग वाली PWC ने अपने एक रिपोर्ट में बताया है कि अगर UPI के जरिए ट्रांजैक्शन ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले साल 2026- 27 तक यूपीआई का ट्रांजैक्शन लगभग हर दिन 1 बिलियन रुपये तक हो जाएगा. ये भारत के खुदरा डिजिटल भुगतान का 90 प्रतिशत है.
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यूपीआई पेमेंट का चलन सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं अब ये छोटे कस्बों में भी खुब फेमस हो रहा है. भारत में अब टियर- 1, टियर- 2, टियर - 3 जैसे बड़े शहरों में यूपीआई पेंमेंट का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. कई सारे एक्सपर्ट्स का मानना है कि जून में यूपीआई ट्रांजैक्शन का आंकड़ा लगभग 10 बिलियन से ज्यादा हो सकता है. साल 2022 में ही लगभग 74 बिलियन ट्रांजैक्शन UPI के द्वारा हुआ था.
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