डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के साथ बनाया है. जिस वजह से वंदे भारत के यात्रियों को सफर करने में काफी सहुलियत मिलती है. अब भारतीय रेलवे दूसरी ट्रेनों को भी अपग्रेड करने की तैयारी कर रहा है. केंद्र सरकार इस तैयारी में भी है कि अगले कुछ सालों में ट्रेनों को पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया जाए. इसके अलावा भीड़ वाले रूट पर स्टैंडर्ड ट्रेनें चलाने की तैयारी की जा रही है. इससे ये फायदा होगा की कहीं आने-जाने के लिए यात्रियों को खाली सीट या कंफर्म टिकट का ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
सूत्रों के मुताबिक, आने वाले कुछ सालों के दौरान ट्रेनों में बहुत से बदलाव किए जाएगें. सभी ट्रेनों में ऑटोमेटिक दरवाजे के साथ-साथ एंटी जर्क कपलर्स भी लगाया जाएगा. इससे ट्रेन के चलने या रुकने पर यात्रियों को जो झटके महसूस होते है उससे राहत मिलेगा. इसके अलावा सभी ट्रेनों में डबल इंजन भी लगाया जाएगा. इससे सेमीस्पीड ट्रेनसेट रेडी करने में रेलवे का खर्च थोड़ा कम होने के साथ-साथ ट्रेन के यात्रा का समय भी कम किया जा सकेगा.
क्या है पुश एंड पुल मेथड?
सूत्रों की माने तो वंदे भारत की तरह ही सभी ट्रेनों में डबल इंजन लगाया जाएगा. ये डबल इंजन डिस्ट्रीब्यूटेड पॉवर टेक्नोलॉजी पर काम करता है. इसी तरह सभी ट्रेनों के इंजनों को भी डबल इंजन पुश एंड पुल मेथड से चलाने की तैयारी हो रही है. इससे सफर का टाइम भी थोड़ा कम किया जा सकेगा. बता दें कि साल 2019 में दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस को भी इसी मेथड से चलाया जा रहा है.
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फ्यूचर में 160 किमी की स्पीड से चलेंगी ट्रेने
जानकारी के मुताबिक, भारतीय ट्रेनों को अब इस नई तकनीकी से चलाने की तैयारी हो रही है. इससे कम खर्च के साथ-साथ सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटे तक बढ़ जाएगा. चितरंजन लोकोमोटिव वर्कशॉप भी अपने WAP-5 और WAP-7 क्लास के इंजनों में बदलाव कर रहे हैं, जिससे ये ट्रेनें ज्यादा स्पीड से दौड़ सकती हैं. बता दें कि अक्टूबर 2023 तक इस तरह के इंजन का पहला खेप आ जाएगा. इससे भारतीय रेलवे को फ्यूचर में मेंटेनेंस कॉस्ट को कम करने में भी मदद मिलेगा.
कंफर्म टिकट का इंतजार हुआ खत्म
रेलवे के मुताबिक, स्टैंडर्ड ट्रेनों को ज्यादा भीड़ वाले रूट पर चलाया जाएगा. इन रूटों की पहचान भी हो गई है. बता दें कि इन रूटों पर केवल जनरल और नॉन एसी स्लीपर कोच वाली ट्रेनें ही चलाई जाएगीं. इस कारण इन ट्रेनों में सीटों की संख्या भी ज्यादा होगी. इसके अलावा पूर्वी यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखड़, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई और केरल जैसे बड़े शहरों से जोड़ने की भी तैयारी चल रही है. इन रूटों पर यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से ज्यादा सीट वाली स्टैंडर्ड ट्रेनें चलाई जाएंगी. एक रेलवे अधिकारी का कहना है कि ये ट्रेनें सीजन में चलने वाली ट्रेनों से अलग होगी.
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