डीएनए हिंदी: बीते कुछ महीनों से आम आदमी को लगातार महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. पहले टमाटर के बढ़े भाव ने लोगों के स्वाद बिगाड़ दिए. अब दूसरी सब्जियों ने कोहराम मचा रखा है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से टमाटर की कीमतों से लोगों को कुछ राहत मिली है. बता दें की जो टमाटर कुछ समय पहले 140 से 180 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा था अब वो सस्ता हो कर 50 रुपये किलो हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर से सब्जियों की कीमतें कम हो सकती हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) के मुताबिक, जुलाई में टमाटर और सब्जियों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी. जो अब कम होती नजर आ रही है. बता दें कि मार्केट में टमाटर की सप्लाई पूरी होने से टमाटर की कीमतों में काफी कमी आई है.
सितंबर से सस्ती हो सकती हैं सब्जियां
जानकारी के मुताबिक, प्याज की कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए इसकी सप्लाई प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जा रहा है. इसका मतलब है कि सितंबर से सब्जियों की कीमतों में कमी आएगी. जुलाई में सब्जियों और अनाजों की कीमते बढ़ने से इस महीने की खुदरा मुद्रास्फीति 7.44% हो गई थी. जो बीते तीन महीनों तक 6% की ऊपरी सीमा से नीचे थी. बता दें कि पिछले 15 महीनों में ये मुद्रास्फीति सबसे ज्यादा देखी गई है. टमाटर और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण इस बढ़ोतरी को देखा गया है.
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सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं कदम
RBI के गवर्नर का कहना है कि अनाज और फसलों की कीमतों में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसके लिए सप्लाई भी जरूरी है. उन्होंने आगे बताया कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य के आसपास रखने की कोशिश करेगी. आरबीआई द्वारा मई 2022 से फरवरी 2023 तक ब्याज दर में कुल 250 आधार अंकों की वृद्धि की गई थी. इस कारण ये 6.5% बनी हुई है.
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