डीएनए हिंदी: इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग (Israel and Hamas War) का कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) पर असर पड़ सकता है. अगर जंग लंबे समय तक चलती है, तो इससे कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी आ सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं. हालांकि, अगर जंग जल्दी खत्म हो जाती है, तो इससे कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है.
भारत कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है, और इसलिए जंग से भारत को कुछ हद तक प्रभावित किया जा सकता है. अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इससे भारत को अपने तेल आयात पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है, जिससे महंगाई बढ़ सकती है.
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यहां कुछ संभावित परिणाम दिए गए हैं कि इजरायल-हमास की जंग भारत में कच्चे तेल की कीमतों को कैसे प्रभावित कर सकती है:
कीमतों में वृद्धि: अगर जंग लंबे समय तक चलती है, तो इससे कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी आ सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं.
कीमतों में गिरावट: अगर जंग जल्दी खत्म हो जाती है, तो इससे कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है.
उत्पादन में वृद्धि: अगर भारत और अन्य देश इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाते हैं, तो इससे कीमतों में गिरावट आ सकती है.
वर्तमान में, कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं. 10 अक्टूबर, 2023 को, ब्रेंट क्रूड का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल था, जो 2014 के बाद से सबसे अधिक है. अगर इजरायल-हमास की जंग लंबे समय तक चलती है, तो इससे कीमतों में और वृद्धि हो सकती है.
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं. इजरायल-हमास की जंग के अलावा, वैश्विक आर्थिक विकास, मौद्रिक नीति और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान जैसे कारक भी कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं.
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