WPI Inflation: जनवरी में 4.73% की तुलना में फरवरी में महंगाई में आई इतनी गिरावट, जानें आपकी जेब पर कितना पड़ा असर

Written By नेहा दुबे | Updated: Mar 14, 2023, 03:37 PM IST

wpi Inflation

WPI Inflation: पिछले महीने यानी की जनवरी के मुकाबले थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति गिरकर 3.85 हो गया. फरवरी में सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई.

डीएनए हिंदी: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.73 प्रतिशत से गिरकर फरवरी 2023 में 3.85 प्रतिशत हो गई है.  WPI मुद्रास्फीति (WPI Inflation) में सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो पिछले साल फरवरी में 13.43 प्रतिशत थी. मुद्रास्फीति की दर में गिरावट की वजह कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, बिजली के उपकरणों और मोटर वाहनों की कीमतों में गिरावट को माना जा सकता है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने 14 मार्च की एक रिलीज़ में ट्रेलरों और सेमी-ट्रेलरों के बारे में बताया.

फरवरी में सब्जियां हुईं महंगी

इस रिलीज़ के मुताबिक, खाद्य आधारित थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति पिछले महीने 3.81 प्रतिशत रही, जबकि इस साल जनवरी में यह 2.38 प्रतिशत थी. इसी अवधि के दौरान, गेहूं में मुद्रास्फीति 18.54 प्रतिशत रही, जबकि अनाज में मुद्रास्फीति 13.95 प्रतिशत रही. धान, फल, दूध और अंडे, मांस और मछली की महंगाई दर क्रमश: 8.60 फीसदी, 7.02 फीसदी, 10.33 फीसदी और 1.49 फीसदी रही.

फरवरी में जहां सब्जियों की महंगाई -21.53 फीसदी पर आ गई, वहीं आलू और प्याज की महंगाई क्रमश: -14.30 फीसदी और -40.14 फीसदी पर आ गई.

फरवरी में मुद्रास्फीति हुई इतनी

फरवरी 2022 में खाद्य आधारित WPI मुद्रास्फीति 8.19 प्रतिशत थी. रिलीज़ में बताया गया है, "प्राथमिक वस्तु समूह से 'खाद्य लेख' और निर्मित उत्पाद समूह से 'खाद्य उत्पाद' वाला खाद्य सूचकांक जनवरी 2023 में 171.2 से बढ़कर फरवरी 2023 में 171.3 हो गया है. WPI खाद्य सूचकांक (WPI Food Index) पर आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी 2023 में 2.95 प्रतिशत से घटकर फरवरी 2023 में 2.76 प्रतिशत हो गई.

इस बीच, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने में थोड़ी कम होकर 6.44 प्रतिशत पर आ गई, जबकि इस साल जनवरी में यह 6.52 प्रतिशत थी. खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से अभी भी अधिक है. खाद्य कीमतों में वृद्धि जनवरी में 6 प्रतिशत से घटकर फरवरी में 5.95 प्रतिशत हो गई, जिसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी और गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के सरकार के प्रयास हैं.

यह भी पढ़ें:  Can Money Buy Happiness: क्या पैसे से खरीदी जा सकती है खुशियां, जानिए क्या कहता है रिसर्च?

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर