डीएनए हिंदी: गौतम अडानी दुनिया के पांचवे सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं. इस दौरान अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा था. हालांकि लगातार चौथे ट्रेडिंग सेशन में अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है. सिर्फ 4 दिनों में अडानी का शेयर 22 प्रतिशत तक टूट चुका है. गौरतलब है कि सिर्फ 3 महीनों के अंदर अडानी विल्मर के स्टॉक ने निवेशकों को 282 प्रतिशत का मुनाफा दिया है. फिलहाल इसका मार्केट कैप 90 हजार करोड़ के नीचे आ गया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि हाल ही में खाने वाले तेल की कीमतों में कमजोरी देखी गई है. वहीं एक्सपर्ट्स यह भी कह रहे हैं कि अडानी विल्मर का शेयर ओवरवैल्यूड हो जाने की वजह से भी बिकवाली की स्थिति से गुजर रहा है. हालांकि शेयर में गिरावट बढ़ने से निवेशक फिर से इसकी तरफ आकर्षित हो सकते हैं.
अडानी विल्मर के शेयर में आ रही गिरावट
लगातार 4 दिनों से अडानी विल्मर के शेयर में गिरावट दर्ज की जा रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अडानी विल्मर के फंडामेंटल (Adani Wilmar Fundamental) काफी कमजोर हैं इसी वजह से इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है. शेयर में हद से ज्यादा तेजी आने की वजह से इसके शेयर का प्राइस ओवरवैल्यूड हो गया है. साथ ही खाने के तेल की कीमतों में कमी आने की वजह से भी अडानी विल्मर के शेयर पर असर पड़ा है. मार्च तिम्हाई में कंपनी का मुनाफा 26 प्रतिशत घटकर 234.29 करोड़ रह गया है.
क्या निवेशकों को अडानी विल्मर में निवेश करना चाहिए ?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अडानी विल्मर (Adani Wilmar) में अभी बिकवाली का दौर जारी है. अगर इसके शेयरों में और ज्यादा गिरावट आती है तो निवेशक इसमें नए सिरे से निवेश कर सकते हैं. अगर इसका शेयर 500 रुपये प्रति शेयर के करीब आ जाता है तो निवेशकों को इसे अपने पोर्टफोलियो में बढ़ाना चाहिए.
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