Recycle Waste से सालाना 30 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है मुनाफा

Written By नेहा दुबे | Updated: Jun 07, 2022, 08:31 PM IST

कचरे का ढेर

शहर में एक के बाद के कचरे का मलबा तैयार हो रहा है जिससे प्रदुषण फ़ैल रहा है. अब रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे इस कचरे से कमाई की जा सकती है.

डीएनए हिंदी: आवास और शहरी विकास मंत्रालय (housing and urban development ministry) ने एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि नगरपालिका कचरे के एक बड़े हिस्से को लैंडफिल पर फेंकने से कैसे बच सकती है मंत्रालय ने, इस तरह की साइटों पर कचड़ा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है. साथ ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (state pollution control boards) और शहरी विकास और उद्योग विभागों (urban development and industry departments) को लैंडफिल में सभी नगरपालिका कचरे को डंप करने के लिए कर लगाने की भी सिफारिश की गई है.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दिल्ली जैसे शहर में पहले से ही कचरे के ढेर से तीन बड़े पहाड़ बन चुके हैं और अब नई लैंडफिल साइट खोजने में भी मुश्किल हो रही है.

एक करोड़ रोजगार पैदा होंगे

सर्कुलर इकोनॉमी इन म्यूनिसिपल सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट ’शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, "लैंडफिल / डंप साइटों में कूड़े को जलाने से न केवल मूल्यवान संसाधनों का नुकसान होता है, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी होता है." यह भी सिफारिश की गई है कि सरकार रीसायकल करके बनाए गए प्रोडक्ट्स पर से जीएसटी को 5% तक कम करे और कचरे के रीसायकल को प्रोत्साहित करे. प्रतिष्ठित शोध संस्थानों और सरकारी संस्थाओं  जैसे आईआईटी (IIT) के एक्सपर्ट्स ने यह रिपोर्ट तैयार की है. 

एक कयास के मुताबिक अगर नगरपालिका ठीक तरीके से ठोस और गिले कचरे को अलग रखती है तो सालाना लगभग 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व और साल 2025 तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए नौकरियां पैदा हो सकती हैं.

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एक दिन में 1.45 लाख टन ठोस कचरा निकलता है

वर्तमान में, भारत प्रतिदिन लगभग 1.45 लाख टन ठोस कचरा उत्पन्न करता है और इसमें से 35% सूखा कचरा है. सूखे कचरे का एक बड़ा हिस्सा प्लास्टिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिदिन लगभग 26,000 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है और इसमें से केवल 15,600 टन का ही रीसायकल किया जाता है. लगभग 9,400 टन बिना एकत्र किए छोड़ दिया जाता है और ये लैंडफिल या पानी में चला जाता है जिससे प्रदुषण फैल रहा है.

सूखे कचरे का ऐसे करें इस्तेमाल

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि रीसाइक्लिंग करने से मौजूदा समय में 5,187 रुपये की रिकवरी हो रही है. वहीं नगरपालिका सूखे कचरे से साल 2025 तक सालाना लगभग 17,023 करोड़ रुपये की रिकवरी कर सकती हैं. साथ ही यह भी सिफारिश की गई है कि सूखे कचरे को रीसायकल करके इसका 25% नॉन-फूड ग्रेड पैकेजिंग में,  सीमेंट भट्टों में कोयले की जगह 25% आरडीएफ (RDF) का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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