App Based Cab Aggregaters के साथ सरकार ने की मीटिंग, सेवाएं दुरुस्त करने का दिया निर्देश

नेहा दुबे | Updated:May 10, 2022, 03:29 PM IST

ओला और उबर पर सरकार ने कसा नकेल

आज सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स के साथ बैठक की. इस बैठक में सरकार ने सख्ती के साथ ओला, उबर जैसी कंपनियों को निर्देश दिए.

डीएनए हिंदी: Ola और Uber आज देश के लगभग हर राज्य में अपनी सेवाएं दे रही हैं. हालांकि पिछले कुछ दिनों में एप आधारित टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की सेवा लेने वाले कई ग्राहकों ने इसकी सर्विस को लेकर शिकायत दर्ज कराई. अब सरकार ने इन शिकायतों को लेकर सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने कंपनियों के मनमाने रवैये पर लगाम लगाने का फैसला किया है. इसी चलते सरकार ने मंगलवार यानी 10 मई को कैब एग्रीगेटर्स जैसे ओला उबर, मेरु, रैपिडो आदि के ऑफिसर्स को तलब किया है. दरअसल यह बैठक यात्रियों की शिकायतों के बाद हो रही है. इसमें कैब किराए में बढ़ोतरी और ऐसे मामले भी शामिल हैं जब ड्राइवरों ने तेल और गैस की बढ़ती दरों का हवाला देते हुए वाहन में एसी चालू करने से इनकार कर दिया था.

आज यानी कि मंगलवार को इन कंपनियों के ऑफिसर्स के साथ सरकार ने मीटिंग की. उपभोक्ता मामलों के सचिव (Consumer Affairs Secretary) रोहित कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी है. रोहित कुमार सिंह ने बताया कि हमने कैब एग्रीगेटर्स की बैठक बुलाई है. इस बैठक में कैब एग्रीगेटर्स द्वारा किराये की नीतियों में बदलाव, ज्यादा किराया लेने, यात्रा रद्द करने और ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के मामले में और एक ही जगह के लिए दो लोगों से अलग-अलग किराया लेने आदि को लेकर बातचीत की जाएगी. मालूम हो कि जब भी ओला (Ola) या उबर (Uber) के ड्राईवर तय जगह पर जाने से मना करते हैं तो ये ग्राहक को बुकिंग रद्द करने और साथ ही उसका जुर्माना भरने के लिए भी बाध्य करते हैं.

मांगी जाएगी जानकारी

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित सिंह ने एक कार्यक्रम में बताया कि हमने ओला और उबर से सभी मामलों की इनफार्मेशन की मांग की है. इसमें यह भी पूछा गया है कि ग्राहकों से एक ही जगह पर जाने के लिए अलग-अलग किराया क्यों लिया जाता है. वहीं मंत्रालय इन कंपनियों से ग्राहकों के डेटा को सिक्योर रखने के लिए उठाए गए क़दमों की भी जानकारी मांगेगी.

ग्राहकों ने की शिकायत

ग्राहकों ने उबर (Uber) और ओला (Ola) जैसी कंपनियों की सर्विस को लेकर कई शिकायतें दर्ज करवाई थी. इस बारे में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की चीफ कमिश्नर निधि खरे ने कहा था कि उबर और ओला जैसी कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के बारे में ग्रहकों से काफी शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में खासकर कैब का रेट बढ़ाने और बुकिंग को कैंसिल करने जैसे मामले शामिल हैं. कई मामलों में तो यह तक देखा गया है कि यह कंपनियां नए ग्राहकों से कम किराया वसूलती है जबकि पुराने ग्राहकों से ज्यादा किराया चार्ज करती हैं.

सरकार ने दिए सख्त आदेश

आज उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सभी App Based Cab Aggregaters के साथ बैठक हुई. बैठक में Ola, Uber, Meru, Jugnu समेत सभी Aggregaters शामिल हुए. इस दौरान सरकार ने सभी सवालों पर कैब एग्रीगेटर्स के इनपुट लिए. साथ ही अन्य शिकायतों के बारे में भी बताया.सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और जुड़ी समस्याओं को संबद्ध निपटारे के लिए कैब एग्रीगेटर्स को सिस्टम बनाने के लिए कहा. सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स को Unfair Trade Practice तुरंत रोकने के लिए कहा. अगर कोई इस निर्देश की अवहेलना करते हुए पाया जाता है तो उस कैब एग्रीगेटर पर जुर्माना लगाया जाएगा.

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