Income Tax: क्या आपने जीता है पुरस्कार या लॉटरी, तो देना होगा टैक्स

Written By नेहा दुबे | Updated: Apr 06, 2023, 07:51 PM IST

Income Tax

Income Tax: अगर आपने कहीं कोई प्राइज जीता है तो बता दें कि इसपर टैक्स लगता है. आइए जानते हैं कितना प्रतिशत तक आपको टैक्स देना पड़ सकता है.

डीएनए हिंदी: Income Tax एक ऐसा टैक्स है जिसे भारत सरकार प्रत्येक व्यक्ति या संस्था की आय पर लगाती है. आयकर अधिनियम, 1961 (Income-tax Act, 1961) भारत में इनकम टैक्स से संबंधित प्रोविजन को नियंत्रित करता है. इनकम अर्जित करने वाला कोई भी व्यक्ति वह इनकम टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है. हालांकि अगर कानून के प्रावधान के मुताबिक टैक्स में छूट दी गई हो तो वह अगर टैक्स अगर ना देना चाहें तो भी मंजूर है.

अगर आप भारत में किसी प्रतियोगिता में लॉटरी या पुरस्कार राशि जीत जाते हैं तो बता दें कि यह टैक्स के अंतर्गत आता है. ऐसी जीत पर टैक्स की दर 30% की एक समान दर है और यह निवासी और अनिवासी दोनों विजेताओं पर लागू होती है. यह याद रखना जरूरी है कि पुरस्कार या लॉटरी जीतने वाला संगठन स्रोत पर टैक्स काटता है और उचित दर पर टैक्स घटाने के बाद आपको पैसा मिलेगा.

लॉटरी जीत, कार्ड गेम जीत, टीवी कार्यक्रम जीत, पहेली जीत और अन्य खेल जीत पर TDS भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194B में शामिल हैं. विजेता का भुगतान करने से पहले, भुगतानकर्ता को पहले एक दर पर टीडीएस काटना होगा. अगर 10 हजार रुपये से ज्यादा का पुरस्कार है तो इसपर 30% का अतिरिक्त, अधिभार और उपकर जोड़ने के बाद संबंधित टीडीएस 31.2% तक काटा जाएगा.

जुर्माना और अन्य कानूनी नतीजों को रोकने के लिए लॉटरी या पुरस्कार राशि जीत पर जरूरी टैक्स का भुगतान करना बहुत जरूरी है. इस तरह के लाभ "अन्य स्रोतों से आय" शीर्षक के तहत कराधान के अधीन हैं. देय करों का भुगतान किया जाना चाहिए नहीं तो जुर्माना और कानूनी परिणाम हो सकते हैं. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप किसी योग्य टैक्स प्रोफेशनल से अपनी विशेष परिस्थिति पर सलाह लें.

इनकम टैक्स कलेक्ट करने के लिए सरकार द्वारा तीन तरीकों का उपयोग किया जाता है: प्राप्तकर्ता की आय से स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS); स्रोत पर एकत्रित टैक्स (TCS); और करदाताओं द्वारा अलग-अलग नामित बैंकों में किए गए स्वैच्छिक भुगतान, जैसे कि एडवांस टैक्स और सेल्फ-अससेस्मेंट टैक्स. आय अर्जित करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह अपनी आय की सही गणना करे और टैक्स का भुगतान करें.

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